पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बीज उत्पादन के द्वारा किसान बढ़ रहे हैं आर्थिक समृद्धि के तरफ
दुर्गेश राय, मऊ। भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् – भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में दिनांक 17 से 21 सितम्बर, 2024 तक चले पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का दिनांक 21 सितम्बर 2024 को समापन समारोह आयोजित किया गया।
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यह कार्यक्रम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (ATMA), बक्सर , बिहार द्वारा प्रायोजित है। निदेशक डॉ संजय कुमार ने समारोह को संबोधित करते हुए इस बात पर विशेष बल दिया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों की सहभागिता से ही बीज उत्पादन क्षेत्र सुदृढ़ हो सकता है।
उन्होंने कृषकों को ज्यादा से ज्यादा बीज उत्पदान करने के लिए प्रोत्साहित किया एवं यह आश्वासन दिया कि कृषकों को नई विकसित किस्मों के बीज संस्थान के तरफ से उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम के समापन समारोह में कार्यक्रम के समन्वयक संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अंजनी कुमार सिंह द्वारा प्रशिक्षण के विषय में 35 किसान प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया ली गई तथा उनके शंकाओं पर परिचर्चा की गई।
उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसान बीज उत्पादन कर के आर्थिक रूप से समृद्ध बनें और बीज से पूर्वांचल और बिहार में दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत करें।
वैज्ञानिक डॉ कल्याणी कुमारी ने कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। निदेशक महोदय द्वारा कृषकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए सर्टिफिकेट एवं शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
वैज्ञानिक डॉ अलोक कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस सत्र में अब तक बिहार के विभिन्न जिलों से आए लगभग 150 प्रगतिशील किसानों को भारतीय बीज विज्ञान संस्थान से गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में प्रशिक्षण प्राप्त हुआ।
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