नैमिष में मनाया गया युगधारा फाउंडेशन का स्थापना दिवस
साहित्यिक विषयों पर चर्चा परिचर्चा के साथ कई पुस्तकों का विमोचन हुआ
नैमिषारण्य। साहित्यिक संस्था युगधारा फाउंडेशन का छठा स्थापना दिवस नैमिषारण्य तीर्थ में मनाया गया । कार्यक्रम के उद्घाटन राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग सदस्य डॉ अंजुबाला के द्वारा किया गया । इस अवसर पर सूतगद्दी कथा हॉल में साहित्यिक विषयों पर चर्चा परिचर्चा के साथ कई पुस्तकों का विमोचन हुआ ।
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डॉ अंजू बाला के द्वारा उमा शंकर शुक्ल की काजल काजल हुआ शहर , प्रो विश्वंभर शुक्ल की शब्दों की तरनी लहरों पर, डॉ प्रेमलता त्रिपाठी द्वारा की महुआ महके भोरे, शिव मोहन सिंह की ताल किनारे आदि पुस्तकें विमोचित हुई। मुख्य अतिथि ने कहा कि साहित्य संवर्धन के लिए युगधारा द्वारा निरंतर आयोजित कार्यक्रमों को करने के लिए बधाई प्रेषित की।
इस आयोजन पर उपस्थित अतिथि साहित्यकार डॉ श्रीनिवास शुक्ल सरस, प्रो विश्वंभर शुक्ल, डॉ अमिता दुबे, डॉ उमाशंकर शुक्ल शितिकंठ, अरुणेश मिश्र, डॉ प्रेमलता त्रिपाठी, सुशील खरे, विनोद दुबे, राज कुमार यादव, डॉ चंद्रिका प्रसाद मिश्र, संजय दिवेदी, डॉ अनिल जैन, नूतन जैन, झंकार नाथ शुक्ल, रजनीश , राम स्वरूप साहू, रामचंद्र सहस्रबुद्धे, वंदना श्रीवास्तव, विनीत मिश्रा, बबलू गुप्ता, आशुतोष पांडेय, आकाश अवस्थी उपाध्यक्ष युगधारा फाउंडेशन, सौम्या मिश्रा महासचिव युगधारा फाउंडेशन, संरक्षक रामकृष्ण सहस्रबुद्धे, संयोजक आदित्य दिवेदी, प्रणव मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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