नए 3 कानून हुए लागू अब लोगों को समय पर मिलेगा न्याय-एडीजी जोन

*गणमान्य व्यक्तियों को बुलाकर नए कानून की जानकारी दी जा रही - डीआईजी*आज के युग के हिसाब से तकनीकी चीजों को शामिल किया गया - एडीजी*आज के युग के हिसाब से तकनीकी चीजों को शामिल किया गया - एडीजी

अभिषेक कुमार सिंह, जिला प्रभारी :गोरखपुर। आज से पूरे भारत में लागू हुए 3 नए कानून लागू हुए हैं। पूरे भारत में लागू हुए नए कानून के बारे में जागरूक किया जा रहा है। आज एडीजी जोन डॉक्टर के एस प्रताप कुमार डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर आनंद कुलकर्णी कोतवाली थाने पहुंचकर आज से लागू हुए तीन नए कानून के बारे में सभ्रांत नागरिकों व्यापारियों को जागरूक किया।

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पहले तो एडीजी जोन डॉक्टर के एस प्रताप कुमार ने व्यापारियों से रूबरू होते हुए कहा कि 20 वर्ष बाद इस कोतवाली परिसर में हम आए हैं तब से अब में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। 20 वर्ष पहले जब डॉक्टर के एस प्रताप कुमार यहां गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे हैं। तब एक स्वर्ण व्यापारी के साथ हुई घटना को लेकर प्रतिदिन रात में डिनर करने के बाद आया करते थे। अंत में जाकर उस घटना का खुलासा हुआ था।

डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर आनंद कुलकर्णी नए कानून के बारे में व्यापारी बंधुओ को गणमान्य जनों को विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए तीन नए कानून लागू होने पर उसके बारे में बताया तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाए उन्होंने कहा कि नए कानून के बारे में लोगों को जागरूक करने को लेकर प्रत्येक थाने में क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों को बुलाकर नए कानून की जानकारी दी जा रही है और यह क्रम अभी चलता रहेगा। सभी लोगों को इन नए कानून के बारे में जागरूक किया जा रहा। एडीजी जोन डॉ के एस प्रताप कुमार ने कहा की पूरे भारत में आज 3 नए कानून लागू

किए गए है जोकि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं। को लेकर सभी थानों में जनता को जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में आज शहर कोतवाली में एडीजी जोन डॉ के एस प्रताप कुमार ने लोगों को जागरूक किया और लागू हुए तीनों नए कानूनों के बारे में कहा की 150 साल पुराने कानून का बदलाव किया गया है आज के युग के हिसाब से तकनीकी चीजों को शामिल किया गया है।

एडीजी जोन ने कहा कि जो कानून अब तक भारत में लागू थे, वह लगभग 150 साल पुराने थे। अब नए तीन कानून लागू किए गए हैं इन कानूनों से लोगों को न्याय पाने में सहूलियत मिलेगी और यह तकनीकी युग है, इसमें तकनीक को भी समावेशित किया गया है।इस कानून के तहत लोगों को बहुत राहत मिलेगी तथा लोगों को न्याय दिलाने में यह कानून बहुत ही सहयोगी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि आज हुए प्रोग्राम में गणमान्य लोगों को शामिल किया गया है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को बुलाकर इन कानून के बारे में जागरूक किया गया है। जो कानून अब तक लागू थे वह बहुत ही पुराने थे नए युग के हिसाब से इन कानूनों को लागू किया गया है और लोगों को लगातार इन कानूनों के बारे में जागरूक किया जाता रहेगा।

लागू किए तीनों नए कानून पर एसपीओ बीडी मिश्रा ने कहा कि अब जो 3 नए कानून लागू किए गए हैं, इन कानूनों से भारतीय संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

पहले के कानून में भारतीय दंड संहिता कानून था, जबकि अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम कानून बनाए गए हैं पहले के कानून में जो दंड शब्द का इस्तेमाल किया गया था। अब नए कानून में न्याय शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इन कानून से सभी को न्याय मिल सकेगा। अब इन कानूनों को अंग्रेजी में नहीं बोला जाएगा हिंदी में ही इन कानूनों का नाम लिया जाएगा।इन कानूनों के माध्यम से लोगों को न्याय पाने में बहुत ही आसानी होगी। साथ ही बताया पहले ऐसा होता था कि जिस जगह पर अपराध घटित होता था उसी थाने में एफआईआर दर्ज हो पाती थी। अब कहीं पर भी रहकर एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है और इस एफआईआर का नाम जीरो एफआईआर होगा।

जो ई एफआईआर दर्ज की जाएगी उसमे 3 दिन के अंदर वादी को थाने में पहुंचकर अपने हस्ताक्षर करना होंगे। अब लोगों को समय पर न्याय मिल पाएगा इन कानून के जरिए लोगों के न्याय पाने का समय मुकर्रम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी दृष्टि से बनाए गए नए कानून बहुत ही सही कानून हैं और भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम तीन नए कानून आज से लागू हो गए हैं। इन कानूनों ने अब आईपीसी की जगह ले ली है।

कार्यक्रम का संचालन क्षेत्राधिकारी कोतवाली गौरव त्रिपाठी ने किया अंत में पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई ने आए हुए व्यापारियों एडीजी जोन डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में कोतवाली थाने के थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह उपनिरीक्षक अरविंद राय सहित थाने के समस्त उपनिरीक्षक अन्य जवान मौजूद रहे।

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