दारू की बोतल , बगल में चखना और दारू पीते हुए दिखे उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, देखें वीडियो

बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू है, लेकिन खुलकर दारू पीते नजर आ रहे हैं सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक ; पीरपैंती प्रखंड के राजगांव विद्यालय का हेडमास्टर , ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि क्या केके पाठक के जाते ही स्कूल के शिक्षकों के मनमानी शुरू हो गई है ?

शैलेन्द्र कुमार गुप्ता, प्रदेश संवाददाता : पीरपैंती /भागलपुर। एक तरफ जहां बिहार सरकार शराबबंदी पर नई-नई दिशा निर्देश दे रहे हैं, लेकिन इसका असर किसी को भी नहीं पड़ रहा है। अब जरा गौर से देखिए इस तस्वीर को जहां एक देसी दारू का बोतल है, बगल में खाने के लिए चखना और बैठा हुआ यह आदमी बड़े मजे से बीड़ी और दारु पी रहा है। मानो जैसे इन्हें शराबबंदी का कोई असर ही नहीं पड़ रहा है।

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दरअसल तस्वीर में दिख रहा यह युवक पीरपैंती प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय महुआडीह के प्रधानाध्यापक है। जो कुछ लोगों के साथ बैठकर बड़े मजे से दारु पी रहा है। और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रहा है। दरअसल यह वीडियो रजगांव पंचायत के बरमसिया गांव का है । जहां पर यह लोग मजे से दारु पी रहे हैं। आप इस वीडियो में देख सकते हैं । कि पहले एक युवक बोतल से दारू निकलता है और तीन छोटे-छोटे ग्लास में डालता है फिर बगल में बैठे उत्क्रमित उच्च विद्यालय महुआडीह के प्रधानाध्यापक महेंद्र ठाकुर उसे उठाकर बड़े मजे से पी लेते हैं और साथ में बीड़ी भी पीते नजर आ रहे हैं और इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो किसी ने अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया।

फिर क्या सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया । सोशल मीडिया x ट्विटर पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया । और वहीं कुछ ट्विटर यूजर ने अपलोड कर इस पर कार्यवाही करने की मांग की है । वहीं कुछ ट्विटर यूजर ने ऐसे प्रधानाध्यापक सहित प्रशासन बिहार सरकार पर भी सवाल खड़े करने लगे हैं। वहीं सूत्रों की माने तो यह प्रधानाध्यापक स्कूल में भी दारू पीकर के ही जाते हैं।

अब सोचने वाली बात यह है की अगर प्रधानाध्यापक का वीडियो बिहार में दारू पीता हुआ वायरल हो रहा है तो कहीं ना कहीं यह कई विभाग पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं ।

अगर बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंद है तो यह प्रधानाध्यापक बिहार में दारू कहां से ला रहे हैं। कहीं यह दारू का तस्करी तो नहीं करता है। अगर यह दारू खरीद कर पी रहे हैं तो आखिर यहां के स्थानीय थाना इस दारू माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है और अगर दारू इस थाना क्षेत्र में बन रहा है तो यहां के स्थानीय थाना को इसकी सूचना क्यों नहीं है।

अगर प्रधानाध्यापक ही दारू पी रहे हैं तो बच्चे को किस तरह के शिक्षा देंगे कहीं स्कूल में बच्चों को दारू पीकर शिक्षा तो नहीं दे रहे ।अब देखना यह दिलचस्प होगा की आखिर इस तरह के बिहार में दारु पीने वाले शिक्षक पर प्रशासन और शिक्षा विभाग के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।

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