दलहनी फसलों के गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में लाभकारी सूक्ष्मजीवों का प्रयोग कर किसान कर सकते हैं अपनी आय में वृद्धि
संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अंजनी कुमार सिंह ने कृषकों को प्रक्षेत्र में बोए गए धान के विभिन्न किस्मों के बारे में जानकारी दी।
दुर्गेश राय, मऊ। भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् – भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में निदेशक डॉ संजय कुमार के नेतृत्व में पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 19 सितम्बर 2024 को पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार के महत्त्वपूर्ण दलहनी फसलों जैसे चना, मूंग, मसूर, अरहर, आदि में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में लाभकारी सूक्ष्मजीवों का प्रयोग कर कैसे किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं इसके बारे में बीज वैज्ञानिक डॉ अलोक कुमार ने विस्तार से बताया।
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क्षेत्रीय केंद्र बेंगलुरु से ऑनलाइन माध्यम से जुड़ी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अन्जिथा जॉर्ज ने सुरक्षित बीज भंडारण पद्धतियाँ और बीज कीटों के प्रबंधन की तकनीकों से कृषकों को अवगत कराया। कृषकों ने बीज कीट विज्ञान प्रयोगशाला में भंडारित बीजों में कीट प्रबंधन की तकनीकों के बारे में जानकरी प्राप्त की। कृषकों ने भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ में बीज प्रसंस्करण, बीज गोदाम इकाई और बीज उत्पादन भूखंडों का क्षेत्रीय दौरा किया।
संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अंजनी कुमार सिंह ने कृषकों को प्रक्षेत्र में बोए गए धान के विभिन्न किस्मों के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो के प्रधान वैज्ञानिक डॉ हर्षवर्धन सिंह ने गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण सूक्ष्मजीवों की भूमिका पर तथा वैज्ञानिक डॉ उदयभान सिंह ने महत्वपूर्ण धान्य, दलहन और तिलहनी फसलों में रोग प्रबंधन पर प्रकाश डाला। संस्थान के अन्य वैज्ञानिकों के साथ कृषकों ने अपने शंका के समाधान किए तथा लाभान्वित हुए।
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