डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई धान खरीद की समीक्षा बैठक
तीन दिवस में हैण्डलिंग ठेकेदार द्वारा योगदान न करने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्रवाई की जाय। - डीएम
अतुल त्रिपाठी, जिला संवाददाता : बहराइच। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत धान खरीद कार्य की समीक्षा हेतु सोमवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान बताया गया कि हैण्डलिंग ठेकेदार द्वारा हैण्डलिंग कार्य से सम्बन्धित कोई सुविधा उपलब्ध न कराने के सम्बन्ध में डीएम ने क्रय एजेन्सियों के जिला प्रभारियों को निर्देश दिया कि हैण्डलिंग ठेकेदार को नोटिस जारी करें। डीएम ने कहा कि तीन दिवस में उनके द्वारा योगदान न करने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्रवाई की जाय।
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बैठक में जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि पीसीएफ, पीसीयू एवं यूपीएसएस संस्था के धान क्रय केन्द्र के अधिकतर प्रभारियों द्वारा केन्द्र पर आनलाइन उपस्थिति दर्ज नही करायी जा रही है। डीएम ने निर्देश दिया कि सभी केन्द्र प्रभारी प्रतिदिन प्रातः 09ः00 बजे तक अनिवार्य रूप से केन्द्र पर उपस्थित हो जायें। इस सम्बन्ध में किसी प्रकार की शिथिलता अक्षम्य होगी।
डीएम ने सभी सम्बन्धित को निर्देशित किया कि खरीद के संबंध में कृषक बन्धुओं को किसी प्रकार की असुविधा नही होनी चाहिए। क्रय की गई उपज का समय से भुगतान किया जाय। गुणवत्ता के नाम पर किसी किसान को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाये। धान की गुणवत्ता विश्लेषण का उद्देश्य सकारात्मक होना चाहिए न कि नकारात्मक। सभी क्रय केन्द्र प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि कृषकों के साथ मित्रवत व सद्भावपूर्ण व्यवहार रखें। खरीद करते समय पूरी पारदर्शिता बरती जाय। केन्द्र पर आने वाले कृषक की यदि कोई समस्या है तो उसे सहमत करते हुए तत्काल निस्तारण कराया जाये।
डीएम ने सचेत किया कि किसी भी क्रय केन्द्र पर खरीद के संबंध में किसी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर क्रय केन्द्र प्रभारी के साथ-साथ संबंधित क्रय एजेंसी के जिला प्रबंधक के विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जायेगी। केन्द्र प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक दिन क्रय केन्द्रों पर उपस्थित रहते हुए ससमय धान की खरीद करें। सचिव कृषि उत्पादन मण्डी समिति को निर्देश दिया गया कि खरीद सम्बन्धी समस्त उपकरण की उपलब्धता बनाये रखें। इलेक्ट्रानिक कांटे की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाय। यदि किसी केन्द्र प्रभारी द्वारा खराब कांटा लाया जाता है तो उसे तत्काल प्राथमिकता पर मरम्मत/बदलते हुए उपलब्ध करा दिया जाये तथा पावर डस्टर भी समस्त संचालित केन्द्रों पर उपलब्ध कराया जाये, जिससे धान खरीद में बाधा उत्पन्न न होने पाये।
क्रय एजेन्सियों के जिला प्रबंधकों को निर्देश दिया गया कि घोषित धान क्रय नीति में दी गई व्यवस्था के अनुसार प्रत्येक केन्द्र पर यथा-निरीक्षण एवं शिकायत पंजिका, क्रय तक पट्टी, क्रय/विश्लेषण पंजिका, स्टॉक रजिस्टर, बोरा रजिस्टर, टीसीडीसी/मूवमेन्ट चालान, हाइब्रिड धान के सम्बन्ध में कृषक का घोषणा-पत्र अथवा हाइब्रिड बीज खरीद प्रमाण-पत्र, कृषक नामिनी द्वारा अपनी पहचान हेतु लायी गयी आधार आईडी एवं नामिनी से कृषक के सम्बन्ध को सिद्ध करने वाले अभिलेखों की प्रति, कृषक के भूलेखों की प्रति, ई-पॉप मशीन द्वारा निर्गत पावती पत्र, हैण्डलिंग श्रमिकों की उपस्थिति पंजिका के अतिरिक्त ऑनलाइन क्रय पंजिका, बोरा रजिस्टर, भुगतान विवरण व स्टॉक पंजिका के अद्यावधिक प्रिन्ट आउट निकलवाकर अलग-अलग पत्रावली में सुरक्षित रखा जाना सुनिश्चित करेंगे।
डीएम ने कहा कि छोटे व मध्यम किसानों को धान खरीद में प्राथमिकता प्रदान किया जाना धान खरीद कार्य का मुख्य उद्देश्य है, इसलिए ऐसे किसान जिनकी उपज 60 कुन्तल या उससे कम है, तो ऐसे किसानों को धान खरीद में प्राथमिकता प्रदान की जाय जिससे छोटे किसान डिस्ट्रेस सेल के शिकार न हों। धान क्रय केन्द्रों पर ‘‘पहले आओ पहले पाओ’’ के सिद्धांत पर कृषकों से धान क्रय किया जाय। परन्तु यदि किसी क्रय केन्द्र पर उसकी दैनिक खरीद क्षमता से अधिक किसान पहुंचते है तो क्रय केन्द्र पर कृषकों की सुविधा के लिए ऑफलाइन टोकन की व्यवस्था की जाय।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, जिला प्रबंधक पीसीएफ, पीसीयू एवं यूपीएसएस, सचिव कृषि उत्पादन मण्डी समिति सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा धान क्रय केन्द्र प्रभारी मौजूद रहे।
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