जीविका दीदी का आरोप, जीविका कर्मी एवं बैंक कर्मी करते हैं अभद्रता

जीविका दीदी अगर 2:00 बजे के बाद बैंक जाती है तो उन्हें बैंक से धक्का मार कर बाहर निकाल दिया जाता है।

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर नई दिल्ली)TV9 भारत समाचार  मुंगेर (बिहार)।  संग्रामपुर बिहार सरकार के द्वारा गरीबी उन्मूलन निवारण को लेकर के चलाई जा रही जीविका जैसी परियोजनाओं ने देश के हर क्षेत्र में अपना कार्य को लेकर के प्रचलित हो गई हैं। फिर चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, बकरी पालन, गौपालन एवं हर छोटे बड़े व्यापार को लेकर के चर्चा का विषय बना हुआ है। पदाधिकारी एवं परियोजना कर्मी की उदासीनता के कारण जीविका के कार्यों को नाकामयाबी की तरफ ले जाया जा रहा है।

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यह पूरा मामला मुंगेर जिले के संग्रामपुर प्रखंड का है। यहां पर गंगा जीविका की महिला ग्राम संगठन रायकर संग्रामपुर की सदस्य सोनी देवी, शोभा देवी, उर्मिला देवी एवं दर्जनो से अधिक सदस्यों के द्वारा यह शिकायत की जा रही है।कि जीविका के स्टाफ के द्वारा अपनी मनमानी के चलते कार्य करने को लेकर के नाराजगी जताई है। हमारे क्षेत्र में पढ़ने वाली सामुदायिक समन्वयक प्रेमलता कुमारी के व्यवहार से हम लोग खुश नहीं है। इनके द्वारा स्वयं सहायता समूह से पैसा जमा, निकासी करने में हम लोगों को ऑफिस का बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहा है। जिसका नतीजा यह होता है कि अगर पैसे की जरूरत होती है, तो कुसमार पंचायत में पढ़ने वाले सामुदायिक समन्वय सीसी का व्यवहार ठीक नहीं होने के कारण हम लोग अपना छोटा-छोटा व्यापार के पैसे का निकासी नहीं कर पाते हैं। वहीं दो महिला के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है। कि जीविका के बैंक मित्र के द्वारा बैंक में पैसे जमा निकासी एवं खाता खुलवाने पर ₹500 लिया जाता है। बिना पैसे लिए कार्य नहीं किया जाता है। इस संदर्भ में जब प्रखंड परियोजना प्रबंधक निर्भय कुमार से बात की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया कि हमें इस चीज की जानकारी नहीं है। अब जानकारी होने पर हम अगली मीटिंग में पैसे लेने देने के बात को रखेंगे। वहीं जीविका दीदी के द्वारा बैंक के कर्मचारियों के ऊपर भी यह आरोप लगाया गया है। कि पैसा जमा निकासी करने में हम लोगों के साथ असिस्टेंट मैनेजर चित्कर्ष कुमार के द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है। समूह की रजिस्टर को फेंक दिया जाता है। उनके द्वारा यह बोला जाता है कि कोई भी जीविका दीदी दो  बजे पहुंचे के बाद अगर बैंक आती है तो उन्हें धक्के मार कर बाहर निकाल दिया जाएगा। इस संदर्भ में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक संग्रामपुर के असिस्टेंट मैनेजर चित्कर्ष कुमार से जब बात की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया, कि मेरे ऊपर लगाया गया आरोप गलत है। हम लोग 2:00 बजे तक फील्ड में जाकर के लोन रिकवरी का कार्य करते हैं। उसके बाद फिर बैंक जाकर के जमा निकासी का कार्य करते हैं।

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