जिउतिया पूजा के अवसर पर रणटोल भदुली में निकाली गई भव्य कलश यात्रा
लगातार 13 वर्षों से गांव में होता है जिउतिया पुजा का आयोजन,151 कलश के साथ कन्याओं ने किया कलश स्थापना
शैलेन्द्र कुमार गुप्ता,भागलपुर। बेनीपट्टी, भदुली- मिथिलांचल की प्रसिद्ध जिउतिया पूजा को लेकर बेनीपट्टी प्रखंड के परकौली पंचायत के रणटोल (भदुली) गांव में भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। 151 कलश के साथ कन्याओं ने परकौली दुर्गा मंदिर स्थित तलाब से कलश में जल भरकर दुर्गा मंदिर की परिक्रमण करते हुए भदुली बम्होतरा होते हुए पूजा स्थल पर पहुंचकर कलश की स्थापना किया।
यह भी पढ़ें :अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर “गाँधी के संग, प्रेम के रंग” कार्यक्रम का आयोजन
यह तीन दिवसीय पूजा हर साल की भांति इस बार भी परकौली पंचायत के रणटोल भदुली गांव में मनाया जा रहा है। इस गांव में लगातार 13 वर्षों से जितिया पुजा का आयोजन किया जा रहा हैं। कलश शोभा यात्रा में जितिया पूजा समिति के अध्यक्ष दिनेश यादव,सचिव राजेंद्र यादव, युवा राजद नेता समाजसेवी ओम प्रकाश यादव, विजय यादव, रामवृक्ष यादव, राजकुमार यादव,दिलीप यादव, लालू यादव, श्याम सुंदर यादव, कमलेश यादव, गुलाब साह, दिलिप साह सहित सैकङों ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
जीमूतवाहन के नाम पर ही जीवित्पुत्रिका व्रत का नाम पड़ा है। यह व्रत तीन दिनों की होती हैं। पहला दिन महिलाएं सुबह तलाब पर स्नान के बाद झिमनी के पत्ता पर सरसों का तेल और खली चढ़ते हैं। उसके बाद रात में चूड़ा दही की प्रसाद चढ़ाते हैं और अगले दिन निर्जला व्रत रखती हैं। फिर तीसरे दिन पुजा के बाद इस व्रत का समापन होता हैं।
पुत्र की रक्षा के लिए किया जाने वाला व्रत जीवित्पुत्रिका या जीमूतवाहन (जितिया) व्रत को लें,पूजाकर ऐसी मान्यताएं हैं कि महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और कुशलता के लिए निर्जला व्रत करती हैं।
यह भी पढ़ें :अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर “गाँधी के संग, प्रेम के रंग” कार्यक्रम का आयोजन