जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी, किया गया है भ्रष्टाचार शासन की ओर से की जा सकती है बड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गयी शिकायत पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी गोरखपुर को दिए जांच के निर्देश
दिनेश चन्द्र मिश्र,पीपीगंज /गोरखपुर। जनपद गोरखपुर के पीपीगंज कस्बे में स्थित प्राचीन काली मंदिर वार्ड नंबर 17 प्रकरण में जांच अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दिया है। जिसमे यह पुष्टि की गई है कि काली मंदिर के चहारदीवारी व गेट का निर्माण कार्य निविदा निकालने के पहले ही किया जा चुका था।जिसके नगर पंचायत अध्यक्ष व निर्माण कार्य से संबंधित ठेकेदार के बीच हड़कंप मचा हुआ है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक शासन की ओर से नगर पंचायत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीपीगंज कस्बे में 14 लाख की निविदा निकाल कर प्राचीन काली मंदिर के चहारदीवारी व गेट का निर्माण कार्य नगर अध्यक्ष लक्ष्मण विश्वकर्मा के करीबी रिश्तेदार के फर्म शिव शक्ति एसोसिएट्स को दिया गया।उसी बीच कस्बे के ही एक समाजसेवी विनोद गुप्ता ने बताया कि उनकी कुछ वर्ष पूर्व एक मन्नत पूरी हुई थी जिसके बाद उन्होंने मंदिर के चहारदीवारी व गेट का निर्माण अपने निजी खर्चे से करवाया था और उस पर अपने नाम का शिलापट भी लगाया था।
जब इस बात की भनक नगर पंचायत के अधिकारियों को लगी तो उन्होंने विनोद गुप्ता से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए उनके नाम का शिलापट हटाकर नगर पंचायत के नाम का शिलापट लगा दिया। विपिन सिंह व सभासद एडवोकेट रामानंद दाढ़ी वाले द्वारा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया गया।जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी गोरखपुर को जांच के निर्देश दिए थे । जिसके बाद दो प्रशासनिक अधिकारियों की टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई गई। जिसमें पुष्टि हुआ कि मंदिर के चाहदिवारी व गेट का निविदा निकालने के पूर्व ही निर्माण कार्य किया जा चुका था।
जिसके बाद जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दिया ।जिसके बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता ने शिव शक्ति एसोसिएट्स फर्म के सभी निर्माण कार्यों का भुगतान अग्रिम आदेश तक रोक लगा दिया है।
वही दूसरी तरफ जांच रिपोर्ट में निविदा निकालने के पूर्व ही निर्माण कार्य किया जा चुका था इस बात का भी जिक्र किया है।जिससे शासन की ओर से नगर पंचायत के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।