जलभराव से बेघर हुए वार्डवासी, नहीं हो रही सुनवाई
पीड़ितों को दिया जा रहा झूठा आश्वासन, सभासद झाड़ रहे पल्ला, बड़ेल के वार्ड 3 में जनजीवन अस्त व्यस्त
बाराबंकी। नगर पालिका परिषद नवाबगंज कहने को तो अपने क्षेत्र के निवासियों के लिए हर संभव मदद को तत्पर है। लेकिन जब सभासद अपनी जिम्मेदारी से मुकर जाएं तो वार्डवासियो की मुश्किलें समस्या का रूप ले लेती है। कुछ यही हाल वार्ड नंबर 03 का है। जलभराव से जनजीवन अस्तव्यस्त है। लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है लेकिन जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं।
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नगर पालिका परिषद नवाबगंज के वार्ड संख्या -3 बड़ेल में जलभराव से लोगों की जिंदगी दुश्वार है। यहां स्थित ढीमर तालाब आज भी गंदगी और दुर्गन्ध का सबब बना हुआ है। बरसात के मौसम में यहां के वासियो की मुश्किलें इस तालाब के साथ बजबजाती नालियों से कई गुना बढ़ चुकी है। हालत यहां तक पहुंच चुकी है कि लोगो को अपना मकान छोड़कर दूसरी सुरक्षित जगह पर जाकर रहना पड़ रहा है। एक मंजिला मकान के निवासियों ने अपना आशियाना छोड़ा तो दो मंजिला मकान वाले दूसरी मंजिल पर रह रहे है। करीब दो दर्जन मकान इस जल भराव की चपेट में आये है।
सभासद फूलमती कन्नौजिया से अपनी पीड़ा कहने के लिए उनके पास सभासद के पुत्र शिवा कन्नौजिया का नंबर है। शिवा द्वारा पहले तो इंजन के जरिये पानी निकलवा देने का आश्वासन दिया गया, फिर मुकरते हुए चेयरमैन से जाकर मदद मांगने की सलाह देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। जब चुने गए जन प्रतिनिधि की तरफ से ऐसी प्रतिक्रिया मिल रही हो तो पीड़ित वार्ड वासियो की मुश्किलें बढ़नी तय है।
मोहल्लेवासी बोले दुश्वार हो गयी है जिंदगी
बड़ेल निवासिनी नज्जी का कहना है कि घर के अंदर पानी भरने से आसपड़ोस के एक मंजिला वाले लोग सुरक्षित जगह चले गए है। हमारा परिवार दूसरी मंजिल पर रह रहा है। पैर सड़ गए है। सभासद सिर्फ आश्वासन दे रहे है। राकेश प्रजापति का कहना है कि घर बाहर निकला मुश्किल हो गया है। बच्चे स्कूल नहीं जा पर रहे। 15 दिनों से जलभराव होने के चलते कीड़े-मकोड़े घर के अंदर आ रहे और दुर्गन्ध से जीना दुश्वार है। घर के सदस्यों को त्वचा रोग हो रहे है। गणेश ने बताया कि हर साल की तरह इस बार हुए जलभाराव से घर में हम कैदी की जिंदगी जी रहे है। जिम्मेदारो द्वारा सिर्फ झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। कई बार शिकायत की गई जबकि वर्तमान में इंजन लगाकर पानी आसानी से निकाला जा सकता है। जलभराव से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
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