घरौनी प्रमाण पत्र पाकर भू स्वामियों के चेहरे खिले,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े रहे पीएम सीएम

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री रहे जुड़े,सदर सांसद, महापौर विधायक गण के हाथों वितरित किया गया घरौनी, सीडीओ, जॉइंट मजिस्ट्रेट, एडीएम वित्त, एडीएम प्रशाशन, मुख्य राजस्व अधिकारी ,डीपीआरओ।

tv9भारत समाचार :दिनेश चंद्र मिश्र,गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जुड़कर देश के 10 प्रदेशों दो केंद्र शासित प्रदेशों में स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए, संपूर्ण प्रदेश में अभी तक 1011 5371 तैयार हो चुकी है। जिसमे से 5974954 घरौनी का वितरण किया जा चुका है।

यह भी पढ़े :तिरुमाला से पूजा कर लौट रहें श्रद्धालुओं की बस ने ट्रक में मारी टक्कर, 04 लोगों की मौत।

फोटो कैप्शन – घराेनियों का वितरण करते हुए सदर सांसद रवि किशन

जनपद गोरखपुर में अभी तक 136743 घरौनिया तैयार हो चुके हैं। जिसमें पूर्व में 10795 घराेनियों का वितरण किया जा चुका है तथा आज बाबा गंभीर नाथ सभागार में सदर सांसद रवि किशन महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव विधायक ग्रामीण विपिन कुमार सिंह विधायक सहजनवा प्रदीप शुक्ला विधायक पिपराइच महेंद्र पाल सिंह एमएलसी धर्मेंद्र सिंह के हाथों 125948 घराेनियों का वितरण किया गया। घरौनी वितरण कराने अहम योगदान एडीएम की विनीत कुमार सिंह एडीएम प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता मुख्य राजस्व अधिकारी अमित राठौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी सदर तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह डीपीआरओ निलेश प्रताप सिंह नायब तहसीलदार देवेंद्र यादव कानूनगो सतनारायण मिश्रा लेखपाल राम कुमार गुप्ता ई डिस्टिक मैनेजर नीरज श्रीवास्तव का रहा मंच से 15 लाभार्थियों को जनप्रतिनिधियों द्वारा घरौनी दिया गया बाकी प्रमाण पत्र बाबा गंभीर नाथ में मौजूद सभी लाभार्थियों को लेखपाल द्वारा वितरित किया गया।

पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित कर ग्रामीण भारत को स्वामित्व और सशक्तिकरण का अधिकार दिया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए यह कार्यक्रम10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया गया था। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल थे साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों को भी संपत्ति कार्ड वितरित किए गए प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होकर लाभार्थियों से संवाद किया यह पहल ग्रामीण सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

स्वामित्व योजना ने 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से ग्रामीण भूमि के दस्तावेजीकरण में प्रगति की है अब तक 1.53 लाख गांवों के लिए संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं, और कुल 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने ड्रोन सर्वेक्षण में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, जबकि हरियाणा और उत्तराखंड ने 100% संपत्ति कार्ड तैयार कर नई ऊंचाईयों को छुआ है महाराष्ट्र और गुजरात ने भी 98% से अधिक प्रगति के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है।

संपत्ति कार्ड वितरण का महत्त्व

संपत्ति कार्ड ग्रामीण निवासियों को उनकी भूमि पर कानूनी अधिकार प्रदान करता हैं यह न केवल बैंक ऋण प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि भूमि विवादों को कम करने और महिलाओं को संपत्ति में उनके अधिकार सुरक्षित करने में भी सहायक है. इसके माध्यम से ग्रामीण समुदायों में वित्तीय समावेशन और सतत विकास को प्रोत्साहित किया गया है।

स्वामित्व योजना की सफलता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने की योजना बनाई गई है. मार्च 2025 में भूमि प्रशासन पर एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें 40 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे मई 2025 में भारत वाशिंगटन में विश्व बैंक भूमि प्रशासन सम्मेलन में भी भाग लेगा इन प्रयासों का उद्देश्य भारत के भूमि प्रबंधन मॉडल को वैश्विक मान्यता दिलाना है।

24 अप्रैल 2020 को शुरू की गई इस योजना ने भूमि प्रशासन को मजबूत किया है. कोविड-19 महामारी के दौरान भी, संपत्ति कार्ड वितरण की प्रक्रिया जारी रही।यह पहल ग्रामीण भारत में बुनियादी ढांचा विकास, वित्तीय स्थिरता, और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है स्वामित्व योजना ने न केवल भूमि विवादों का समाधान किया है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया है।स्वामित्व योजना भारत सरकार द्वारा एक योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की मालिकाना हक को रिकॉर्ड करना और भूमि के स्वामित्व का डिजिटल सत्यापन करना है इसके तहत ग्राम पंचायतों में निवासियों को भूमि स्वामित्व कार्ड (प्रॉपर्टी कार्ड) दिए जाते हैं।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में भूमि के स्वामित्व को डिजिटल रूप में रिकॉर्ड करना है, ताकि लोग अपनी भूमि का कानूनी अधिकार स्थापित कर सकें और बैंक से लोन ले सकें। इस योजना के तहत लाभार्थियों को अपनी संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र (प्रॉपर्टी कार्ड) मिलेगा, जिसे वे अपने भूमि के मालिक होने का प्रमाण मान सकते हैं। स्वामित्व योजना का लाभ उन ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को मिलेगा, जिनके पास कृषि भूमि या आवासीय भूमि है, लेकिन उनका स्वामित्व प्रमाणित नहीं है। लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड, भूमि का विवरण, निवास प्रमाण पत्र और अन्य स्थानीय दस्तावेज़ों की आवश्यकता हो सकती है।

यह योजना ग्राम पंचायतों के स्तर पर लागू होती है। नागरिकों को अपने ग्राम पंचायत कार्यालय में आवेदन करना होगा।स्वामित्व योजना का लाभ उन्हीं ग्रामीण नागरिकों को मिलेगा जिनके पास भूमि का स्वामित्व है और जिनकी भूमि का रिकॉर्ड अभी तक नहीं बना है।

स्वामित्व योजना के तहत लाभार्थियों को डिजिटल भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (प्रॉपर्टी कार्ड) प्रदान किया जाता है, जो एक डिजिटल रिकॉर्ड होता है। स्वामित्व योजना से भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड प्रमाणित होने के बाद, उसे बैंकों से लोन प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे भूमि का मूल्य बढ़ सकता है।

स्वामित्व योजना का लाभ संबंधित ग्राम पंचायतों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। यह योजना सरकारी वेबसाइटों और सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से भी उपलब्ध हो सकती है।

यह भी पढ़े :तिरुमाला से पूजा कर लौट रहें श्रद्धालुओं की बस ने ट्रक में मारी टक्कर, 04 लोगों की मौत।