ग्रेटर नोएडा – नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे पर इतनी स्पीड से ज्यादा वाहन चलाने पर कटेगा चालान
कार और भारी वाहनों की स्पीड लिमिट तय, स्पीडोमीटर से होगी निगरानी।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)। यमुना एक्सप्रेसवे और नोएडा – ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहन की स्पीड 75 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा करने पर आपका चालान कट सकता है। दरअसल सर्दियों में कोहरे से एक्सीडेंट के केस ज्यादा बढ़ जाते हैं। सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए नोएडा – ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे पर 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक अधिक स्पीड पर बैन लगाय लगाया गया है।
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तय की गई स्पीड लिमिट से अधिक गति से वाहन चलने पर चालान जारी किया जाएगा। स्पीड लिमिट का नया आदेश आज आधी रात से लागू हो गया है। 15 दिसंबर से यमुना एक्सप्रेसवे पर कारों समेत हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है।
जबकि भारी वाहनों के लिए गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। यमुना एक्सप्रेसवे पर गति सीमा प्रतिबंध लागू होने से स्पीडोमीटर से निगरानी की जाएगी। आगरा और नोएडा के बीच यमुना एक्सप्रेसवे पर स्पीडोमीटर लगाए गए हैं। इससे वाहनों की गति पर नजर रखी जा सकेगी।
तेज गति से वाहन चलाने पर कार्रवाई की जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि दोनों एक्सप्रेस वे पर गति सीमा हल्के वाहनों के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटे और सभी भारी वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार निश्चित है। हालांकि यह अब स्पीड घटकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है।
अगर स्पीड लिमिट का उल्लंघन किया तो ट्रैफिक पुलिस चालान काट देगी। ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि अक्टूबर में ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर एक वैन को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी। जिसमें एक बच्चे सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। सर्दियों में कोहरे की वजह से रोड पर एक्सीडेंट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
सर्दियों में अधिक कोहरा होने के कारण वाहन चलाते समय ड्राइवर को सामने साफ दिखाई नहीं पड़ पता है। जिस कारण वह सामान्य से अधिक गति पर इमरजेंसी ब्रेक नहीं लग सकता और दुर्घटना घट जाती है। इसी प्रकार से आए दिन निरंतर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। यमुना एक्सप्रेस वे पर देखा गया है। जब से यह एक्सप्रेस वे शुरू किया गया है तब से अब तक काफी मौतें इस एक्सप्रेसवे पर कोहरे के कारण हो चुकी हैं। इसलिए वाहनों की गति पर अंकुश लगाना जरूरी है।
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