ग्राम प्रधान व सचिव पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश

♦️21 लाख रुपये से बने परसौनी गांव के शौचालय का मामला ♦️बिना निर्माण कराए ही 21 लाख रुपये की धनराशि निकाली गयी रकम ♦️ग्रामीण की शिकायत पर मामले की हुई जांच,घोटाला उजागर ♦️सरकारी धनराशि वसूली मामले में ग्राम प्रधान व सचिव से भी वसूली के दिए गए आदेश

अरविन्द मिश्रा,पडरौना /कुशीनगर। जनपद कुशीनगर में फाजिलनगर ब्लॉक शौचालय निर्माण में धांधली को लेकर इन दिनों चर्चा में रहा। आपको बता दें कि ग्राम पंचायत परसौनी में 137 शौचालय निर्माण की धनराशि में गड़बड़ घोटाला की गई। बिना निर्माण कराए ही ₹21 लाख की धनराशि निकाली गयी थी। ग्रामीण की शिकायत पर मामले की जांच की गई तो घोटाला सामने आ गया।

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फोटो कैप्शन : अखबारों में प्रकाशित संबंधित ग्राम पंचायत की फ़ाइल फोटो

डीएम के निर्देश पर डीपीआरओ ने तत्कालीन ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। संबंधित सचिव को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही तत्कालीन ग्राम प्रधान व सचिव से सरकारी धन वसूली का आदेश दिया गया है।

क्या है पूरा मामला 

आपको बता दें कि परसौनी गांव निवासी श्रीकांत सिंह ने शपथ पत्र देकर प्रधान व सचिव पर गांव में हुए शौचालय निर्माण में धांधली का आरोप लगाया था। इस मामले में डीएम ने जिला कृषि अधिकारी व अवर अभियन्ता को जांच अधिकारी नामित किया। जाँच नामित आधिकारियों द्वारा गांव में जाकर डोर-टू-डोर शौचालयों का सत्यापन किया गया। 

₹ 21लाख  की हेराफेरी 

इस जांच रिपोर्ट में कुल 353 शौचालयों में 137 का निर्माण नहीं मिला। 38 शौचालय का एमआईएस ही नहीं हुआ था। इस तरह कुल 175 शौचालय की धनराशि 21 लाख रुपये की हेराफेरी की गई। पंचायतीराज विभाग ने ग्राम प्रधान व सचिव को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय दिया था। इसके बाद भी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। जांच रिपोर्ट सरकारी धन का दुरूपयोग करने के आरोप में तत्कालीन ग्राम प्रधान प्रद्युम्न और तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव मनीष कुमार के विरुद्ध डीपीआरओ आलोक कुमार प्रियदर्शी ने एडीओ पंचायत को थाने में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है।

ग्राम पंचायत सचिव निलंबित

उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव मनीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अधिकारियों को पत्र भेजा है। डीपीआरओ ने बताया कि शौचालय घोटाला के मामले में तत्कालीन ग्राम प्रधान और सचिव पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। इनसे सरकारी धन की वसूली भी कराई जाएगी।

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