गोरखपुर जं.स्टेशन के पुनर्विकास का टेण्डर खुला,बनेगा वर्ल्ड क्लास स्टेशन
👉शीघ्र ही इसके लिए एजेंसी फाइनल कर कार्य दिया जाएगा 👉सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन का निर्माण जनवरी में शुरू होने की संभावना,घाघरा नदी एवं अन्य कार्यों के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू
दिनेश चंद्र मिश्र,गोरखपुर। पूर्वाेत्तर रेलवे यात्री प्रधान रेलवे है, जो अपने उपभोक्ताओं की उन्नत यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सतत प्रयत्नशील है। इसके लिये आधारभूत संरचना को सुदृढ़ एवं सुविकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में गोरखपुर जं. स्टेशन को भी पुनर्विकसित किया जा रहा है और इसे वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाया जायेगा।
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ज्ञातव्य है कि 07 जुलाई, 2023 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर जं. स्टेशन के पुनर्विकास का शिलान्यास रखा था। गोरखपुर जं. स्टेशन का नया डिजाइन एप्रूव एवं डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) भी तैयार हो गया है तथा इस स्टेशन के पुनर्विकास की लागत 498 करोड़ रूपये है। गोरखपुर जं. स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जायेगा। उस समय गोरखपुर जं. स्टेशन पर यात्री आवागमन लगभग 1,68,000 प्रति दिन होगा। इस कार्य का टेण्डर खुल गया है। शीघ्र ही इसके लिये एजेन्सी फाइनल कर ली जायेगी, जिसके बाद कार्य शुरू कर दिया जायेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर महान हिन्दू संन्यासी एवं महायोगी गुरू गोरक्षनाथ के मंदिर के लिये विख्यात है। 15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जं. स्टेशन बना। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जं. बड़ी लाइन के माध्यम से देश के अन्य महानगरों से जुड़ा। वर्ष 2004 में यहाँ दोहरीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ। समय के साथ गोरखपुर जं. स्टेशन पर गाड़ियों एवं प्लेटफॉर्मों की संख्या में वृद्धि हुई और स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य अपरिहार्य हो गया। गोरखपुर जं. स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग के साथ गोरखपुर जं. स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लम्बा प्लेटफॉर्म बना था। वर्तमान में गोरखपुर जं. स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं।
यह स्टेशन गोरखपुर जनपद की लगभग 44.5 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जनपदों एवं नेपाल क्षेत्र के लोगों को भी अपनी सेवायें दे रहा है तथा प्रतिदिन लगभग 93,000 यात्रियों का आवागमन होता है। इस स्टेशन से प्रतिदिन 91 जोड़ी यात्री ट्रेनें सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों के लिये चलाई जाती हैं।
स्टेशन पुनर्विकास के प्रस्तावित मॉडल की प्रमुख विशेषतायें
गोरखपुर जं. स्टेशन के पुनर्विकास मॉडल में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत एवं वास्तुकला को समाहित किया गया है। अतएव गोरखपुर जं. स्टेशन के डिजाइन में स्थानीय संस्कृति की झलक दिख रही है। स्टेशन को सिटी सेन्टर के रूप में विकसित किया जायेगा। वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण 5,855 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में किया गया है। प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17,900 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7,400 वर्ग मीटर में किया जायेगा। 10,800 वर्ग मीटर में रूफ प्लाजा, जहाँ फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, ए.टी.एम. एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया जायेगा। रूफ प्लाजा से प्लेटफॉर्मों तथा प्रवेश एवं निकास द्वार को 38 लिफ्ट, 22 एस्केलेटर एवं दो ट्रैवेलेटर के माध्यम से कनेक्ट किया जायेगा। 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियाँ बनाई जायेंगी। स्टेशन परिसर में कांजेशन फ्री प्रवेश एवं निकास का प्रावधान किया जायेगा। दो मल्टी परपज वाणिज्यिक टॉवर बनाये जायेंगे, जिसमें मल्टी लेवल कार पार्किंग, बजट होटल, कामर्शियल शॉप इत्यादि का प्रावधान होगा। प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टेशन से स्काई वॉक-वे से लिंक किया जायेगा। कार, टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स की पार्किंग क्षमता 427 ई.सी.एस. है, जबकि प्रस्तावित पार्किंग क्षमता 838 ई.सी.एस. है। दोनों प्रवेश द्वार के सर्कुलेटिंग क्षेत्र में हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) विकसित की जायेगी।
प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप कार्य के लिये डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है। निश्चित तौर पर ये स्टेशन जब पुनर्विकसित होगा तो यहाँ विकास और विरासत का एक अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, साथ ही यहाँ आने वाले पर्यटक और यात्रियों को एक वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन मिलेगा जो उनकी यात्रा को और भी ज्यादा सुगम एवं यादगार बनायेगा।
सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन का निर्माण जनवरी में शुरू होने की संभावना,घाघरा नदी एवं अन्य कार्यों के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू
गोरखपुर। सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन का निर्माण जनवरी में शुरू होने की संभावना है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब रेलवे प्रशासन ने निर्माण कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन लगभग 81 किलोमीटर लंबी दो जिलों गोरखपुर और मऊ के 111 गांवों से होकर गुजरेगी। इसमें से 104 गांव गोरखपुर के सहजनवां, खजनी, बांसगांव व गोला तहसीलों के हैं। सहजनवां से दोहरीघाट के बीच बनने वाली रेल लाइन पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस पर सरयू नदी पर 1100 मीटर लंबे पुल समेत 10 बड़े पुल, 47 छोटे पुल एवं 15 अंडरपास बनाए जाएंगे। इसके अलावा दो रेलवे ओवरब्रिज भी बनेंगे।
सहजनवां, पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली बाबू, बांसगांव, उरुवा बाजार, बनवारपार, गोला बाजार, भरौती, बड़हलगंज और दोहरीघाट स्टेशन होंगे। इनमें सहजनवां पहले से ही गोरखपुर-लखनऊ रूट का प्रमुख स्टेशन है। अभी गोरखपुर से वाराणसी के लिए जाने वाली ट्रेन देवरिया-भटनी के रास्ते जाते हैं। नई लाइन बिछने के बाद गोरखपुर से सहजनवां-दोहरीघाट के रास्ते भी ट्रेनें गोरखपुर से वाराणसी तक जाने लगेंगी। इससे एक तो जिले के दक्षिणी हिस्से में ट्रेनों का संचालन शुरू होगा, दूसरे गोरखपुर-वाराणसी रूट के लिए विकल्प भी बन जाएगा।
सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन को चार साल में बिछा देने का लक्ष्य तैयार किया गया है। यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा कराया जाएगा। पहले चरण में 2024 तक सहजनवां से बैदौली तक 27 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य तैयार किया गया है। दूसरे फेज में मार्च 2025 तक बैदौली से गोला बाजार तक 29 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जाएगी।
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