गांव में पसरा रहा सन्नाटा,पुलिसकर्मी तैनात

जमीन पर कब्जा हटवाने पर दो पक्षों के बीच मारपीट का था मामला

अभिमन्यु शर्मा,मंसाछापर/कुशीनगर। जनपद कुशीनगर के पडरौना कोतवाली क्षेत्र में चिरइयहवा गांव शुक्रवार की शाम को हुए हंगामे के बाद गाँव चर्चा में उस समय आ गया ज़ब शनिवार की शाम को आईजी के दौरा करने के बाद से चिरइयहवा गांव में सन्नाटा पसरा रहा।

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आपको बता दें कि चिरइयहवा गांव में 23 जून को एक जमीन पर कब्जा हटवाने के बाद दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। मारपीट में घायल विश्वनाथ राजभर की मौत हो गई थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार की शाम पीड़ितों के घर से लौटते समय लोगों ने पूर्व राज्य मंत्री डॉ. अरविंद राजभर के काफिले को रोक दिया था।

पूर्व राज्यमंत्री डॉ. अरविंद राजभर का आरोप था कि उनके काफिले पर पत्थर फेंका गया और उन्हें 40 मिनट तक रोके रखा गया। राज्य मंत्री के आरोप के बाद घटना की जांच करने आईजी जे रविंद्र गौड़ भी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की जानकारी लिए। रविवार को गांव में सन्नाटा पसरा रहा।

आईजी के आने के बाद पीड़ित के दरवाजे पर तैनात किए गए दो पुलिसकर्मी,लंबे समय से विवादित जमीन पर था आरोपियों का कब्जा

जमीन के लिए इतना बड़ा विवाद हो गया कि मारपीट के दौरान एक बुजुर्ग की मृत्यु हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि उस विवादित जमीन पर तीन आरोपियों का लंबे समय से कब्जा था। पीड़ित की जमीन के सामने ही यह थोड़ी सी विवादित जमीन थी। जिसे हटवाने के लिए लंबे समय से मामला चल रहा था। पीड़ित परिवार ने सीएम के जनता दरबार में भी अवैध कब्जा हटवाने की मांग की थी।

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