गन्ना किसानों के समक्ष रवि फसल गेहूं की बुवाई की समस्या

सेवरही चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र के दौरान पेड़ी गन्ना किसानों के गन्ना सप्लाई टिकट में हो रही है देरी किसान औने -पौने दामों पर बिहार तथा क्रेशर पर बेचने को हैं मजबूर

कृष्णा यादव, तमकुहीराज/ कुशीनगर। किसानों के गाढी कमाई का स्त्रोत गन्ना उपज है। गन्ना विभाग की वर्तमान सप्लाई टिकट प्रणाली से गन्ना किसान दुखी एवं विवस है। सेवरही़ चीनी मिल पेराई सत्र 2024 -25 आरंभ है। गन्ना समिति सेवरही के द्वारा गन्ना सर्वे के दौरान कई तरह की अनिमितताएं बरती गई। जिससे गन्ना किसान प्रभावित है।

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किसान के खेतों में पेड़ी गन्ना(खूटी) की फसल खड़ी है। किसान गन्ना गिराकर गेहूं की फसल बोना चाह रहा है। परंतु पेडी गन्ना की टिकट नहीं मिलने के कारण किसान बिहार के चीनी मिलों सहित औने-पौने दामों पर क्रेसरों पर बेचने को मजबूर है। कुछ किसानों को पेड़ी गन्ना की सप्लाई टिकट 1 मिली है। जिस पर किसान चीनी मिल में गन्ना गिराकर शेष गन्ने की सप्लाई टिकट के लिए सेवरही गन्ना समिति के तरफ निगाह लगाए हुए हैं। कुछ किसानों का कहना है कि पेडी गन्ना की संपूर्ण सप्लाई टिकट दिसंबर माह 2024 के अंत तक समिति को दे देना चाहिए जिससे किसान अपनी गेहूं की बुवाई कर सके।

इस संबंध में गन्ना समिति के डायरेक्टर सुनील मिश्रा का कहना है कि जो सर्वे बना है उसी के अनुसार गन्ना किसानों को लखनऊ से गन्ना सप्लाई टिकट जारी हो रही है। इसमें समिति कुछ नहीं कर सकती है। कई तरह के सवाल खड़े हो गए गन्ना समिति गन्ना किसानों के लिए बनाई गई है। सर्वे के दौरान किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए रवि फसल की बुवाई प्रभावित न हो। इसकी इंतजाम समिति को करना चाहिए।

परंतु समिति ऐसा ना करके किसानों के साथ दोहरी माप दंड अपना कर किसानों को परेशान करने का कार्य कर रही है सेवरही सर्किल समिति क्षेत्र के किसानों ने गेहूं की बुवाई को देखते हुए पेडी गन्ना के टिकट सप्लाई की जिलाधिकारी कुशीनगर से मांग की है।

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