कुशीनगर के अहिरौलीदान में भोजपुरी फ़िल्म का धमाल, बलमा बड़ा नादान

बलमा बड़ा नादान फिल्म शूटिंग ने बदला गांव का नज़ारा, हर दिन उमड़ रही हजारों की भीड़

अखिलेश कुमार द्विवेदी, जिला संवाददाता: कुशीनगर।उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और बिहार के गोपालगंज की सीमा पर स्थित एक छोटे से गांव अहिरौलीदान में भोजपुरी फिल्म बलमा बड़ा नादान की शूटिंग इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। गांव की धूल भरी पगडंडियों और सरसों के खेतों के बीच जहां आज भी लोगों का आना-जाना कम होता है वहां हर दिन हजारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं। यह भीड़ फिल्म के मुख्य अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ की अदाकारी और फिल्म की भव्यता को देखने के लिए उमड़ रही है।

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गांव की मिट्टी से जुड़ी एक फिल्म

इस फिल्म के निर्देशक और निर्माता महमूद आलम ने अपनी जन्मभूमि अहिरौलीदान को फिल्म के लिए चुना और यहां शूटिंग की घोषणा से ही गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई। महमूद आलम की इस पहल ने उस इलाके को चर्चा में ला दिया है जिसे अक्सर पिछड़ा और बाढ़ग्रस्त माना जाता है। अब यह इलाका एक फिल्म सिटी की तरह चमक रहा है जहां लोग दिन-रात शूटिंग देखने के लिए उमड़ रहे हैं। यह फिल्म आलम ब्रदर्स प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही है जो भोजपुरी सिनेमा के क्षेत्र में तेजी से उभरता नाम है।

निरहुआ की धांसू अदाकारी और स्टारकास्ट की धूम

दिनेश लाल यादव निरहुआ जो भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार माने जाते हैं उनकी बेहतरीन अदाकारी ने दर्शकों को बांध रखा है। उनके साथ मशहूर अभिनेत्री रिचा दीक्षित भी इस फिल्म में अपनी भूमिका निभा रही हैं जिनकी पिछली कई फिल्में सुपरहिट रही हैं। फिल्म की स्टारकास्ट में संजय पांडेय और अनूप अरोड़ा हैं जो निरहुआ के चाचा और ताऊ का किरदार निभा रहे हैं। इन्होंने भी अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया है। इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा के प्रसिद्ध कॉमेडियन मनोज सिंह टाइगर अपने हास्य से फिल्म में चार चांद लगा रहे हैं।

ग्रामीण जीवन और फिल्म शूटिंग का रोमांच

अहिरौलीदान जो कुशीनगर का एक पिछड़ा हुआ क्षेत्र है अब फिल्म शूटिंग के कारण रोशनी में आ गया है। लोग इस गांव में फिल्म की शूटिंग को देखकर ऐसे खुश हो रहे हैं जैसे किसी बड़े शहर की फिल्म सिटी में बैठे हों। गांव के लोग जिनके लिए मनोरंजन के साधन सीमित हैं अब इस फिल्म के जरिए बड़े सितारों को अपने बीच देखकर बेहद रोमांचित हैं लोग अपने गांव को अचानक सुर्खियों में देख रहे हैं और इसे अपनी पहचान का हिस्सा मान रहे हैं।

महमूद आलम की कड़ी मेहनत और स्थानीय प्रशासन का सहयोग

फिल्म के निर्देशक महमूद आलम ने बताया कि उन्होंने इस इलाके को जानबूझकर चुना ताकि यहां के लोग अपनी मिट्टी और अपनी जमीन को बड़े पर्दे पर देख सकें। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण यह इलाका अक्सर उपेक्षित रहता है लेकिन उनका उद्देश्य है कि इस गांव को प्रदेश स्तर पर पहचान मिले। महमूद आलम ने कुशीनगर प्रशासन विशेष रूप से एसपी संतोष मिश्रा और क्षेत्राधिकारी जितेंद्र कालरा को धन्यवाद ज्ञापित किया है जिनके सहयोग से फिल्म की शूटिंग बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से चल रही है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने हर संभव सहायता प्रदान की है जिससे इतनी बड़ी फिल्म का निर्माण यहां संभव हो सका है।

स्थानीय नेताओं और नागरिकों का समर्थन

फिल्म की शूटिंग को लेकर कुशीनगर विधायक पीएन पाठक और क्षेत्र के प्रमुख लोग भी बेहद खुश हैं। यहां के स्थानीय नेताओं और नागरिकों ने भी फिल्म की टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि इस फिल्म की शूटिंग से कुशीनगर के इस पिछड़े इलाके को एक नई पहचान मिलेगी।

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