कारगिल योद्धा नागेंद्र सिंह बने अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष

कारगिल युद्ध के दौरान लद्दाख की नुब्रा घाटी में स्थित तुरतुक में थे तैनात

दिनेश चंद्र मिश्र, गोरखपुर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा गोरखपुर संगठन विस्तार के क्रम में सोमवार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील सिंह की संस्तुति पर प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल प्रांत उग्रसेन सिंह द्वारा कोटवा (उरुवा बाजार) निवासी भूतपूर्व सैनिक नागेंद्र सिंह को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का प्रदेश उपाध्यक्ष सैनिक प्रकोष्ठ मनोनीत किया गया।

यह भी पढ़ें :महावीरी आंकड़ा डोल मेला में अश्लीलता एवं अर्धनग्न नृत्य गाने पर प्रबुद्ध वर्गों ने जताया विरोध

इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष उग्रसेन सिंह, प्रदेश महामंत्री डॉ. महेश्वर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष खेलकूद प्रकोष्ठ रंजीत शाही, कोषाध्यक्ष सुभाष सिंह, मंडल अध्यक्ष आरपी सिंह, मंडल उपाध्यक्ष इंद्रसेन सिंह, संगठन मंत्री बाल्मिकी सिंह, जिलाध्यक्ष लालू सिंह, जिला उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा महामंत्री राजकुमार सिंह उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि नागेंद्र सिंह भारतीय सेना में वर्ष 1980 से 2012 तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि फौज में कैप्टन रहे नागेंद्र सिंह ने सेना की अपनी नौकरी के दौरान कारगिल जैसा युद्ध भी लड़ा है। वे वर्ष 1998 से लेकर 2001 तक लद्दाख की नुब्रा घाटी में स्थित तुरतुक में तैनात थे, उसी दौरान वे कारगिल युद्ध में भी शामिल हुए थे।

सेना में रहकर देश की सेवा कर चुके भूतपूर्व सैनिक नागेंद्र सिंह को सैनिक प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जाने पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश संरक्षक कैलाश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठ केपी राव, प्रदेश सचिव संजय कुमार सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष कामेश्वर सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री अरुण सिंह, वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, जिला संगठन मंत्री प्रवीण सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय चंद, जिला महामंत्री राजू सिंह नन्हे, मंडल अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ अनुज सिंह कटका, जिलाध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठ दीपक सिंह, मंडल महामंत्री मानवेंद्र प्रताप सिंह, संगठन मंत्री युवा प्रकोष्ठ सावन शाही, मंडल महामंत्री आलोक सिंह विशेन, जिलाध्यक्ष शिक्षा प्रकोष्ठ डॉ. उमेश सिंह, जिलाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ दीपक चंद, जिला उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ भूपेश सिंह, ब्लॉक मंत्री नवीन प्रताप सिंह सहित अन्य लोगों ने बधाई दी है।

यह भी पढ़ें :महावीरी आंकड़ा डोल मेला में अश्लीलता एवं अर्धनग्न नृत्य गाने पर प्रबुद्ध वर्गों ने जताया विरोध