कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने किया निवारी जलाशय का निरीक्षण, ग्राम वासियों से की चर्चा

सुरक्षा की दृष्टि से लगातार जलाशय की मॉनिटरिंग की जाएगी-कलेक्टर दीपक आर्य

मनोज मेहरा,सागर। कलेक्टर दीपक आर्य ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के साथ केसली विकासखंड के ग्राम निवारी पहुंचकर निवारी जलाशय का निरीक्षण किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, एडवोकेट अर्पित विल्थरे सहित अन्य अधिकारी एवं ग्रामवासी मौजूद थे।

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कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि केसली विकासखंड के ग्राम निवारी, अमोदा, केकरा ,चौकी के ग्राम वासियों ने शिकायत की थी कि पानी भराव के कारण जलाशय क्षतिग्रस्त हो सकता है। जिससे जलभराव की स्थिति निर्मित हो सकती है। जिस पर कलेक्टर दीपक आर्य ने तत्काल कार्रवाई करते हुए निवारी जलाशय पहुंचे। जहां उन्होंने इंजीनियरों के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इंजीनियरों द्वारा संपूर्ण जलाश्य का अवलोकन किया गया है। कहीं से भी जलाशय क्षतिग्रस्त की बात नहीं है,सभी लोग निश्चिंत रहें। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से लगातार जलाशय की मॉनिटरिंग की जाएगी।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि जलाशय की चारों तरफ निगरानी की जाएगी एवं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल के साथ निगरानी कराई जाएगी। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष एडवोकेट देवेंद्र सिंह ने बताया कि कलेक्टर दीपक आर्य एवं पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी द्वारा ग्रामवासियों एवं इंजीनियरों के साथ संपूर्ण जलाशय का निरीक्षण कराया गया है, कहीं से भी कोई कमी नहीं पाई गई है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर के निर्देश पर लगातार सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी की जाएगी।

जल संसाधन विभाग क्रमांक 1 के ई.ई. अर्पित बिल्थरे ने बताया कि निवारी जलाशय पूर्णता सुरक्षित है। ग्रामवासियों द्वारा जो शिकायत की गई थी शिकायत के बारे में श्री बिल्थरे ने बताया कि जलाशय को पहली बार में एक तिहाई ही पानी भरा जाता है और उसके बाद उसको नहरों के माध्यम से पानी को निकाला जाता है एवं नालों में मिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि जो पानी नहरों के माध्यम से बाहर निकाला जाता है उसको भी स्टेप वाइज निकाला जा रहा है ,बांध पूरी तरह से सुरक्षित है।

इस दौरान मानसून की आमद के चलते ठेका कंपनी द्वारा नाला क्लोजर की कार्रवाई कर दी गई। जिसके बाद बांध से रिसाव और खेतों में पानी भरने से ग्रामीणों में भारी नाराजगी उत्पन्न हुई है।बांध निर्माण कंपनी द्वारा बांध में एकत्र पानी को नियंत्रित करने के लिए स्लूज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है जो नहरों के जरिये खेतों तक पहुँच रहा है। जिसके कारण कई स्थानों पर कच्ची नहरे टूटने से खेत तालाब बन चुके है। खरीफ सीजन की फसले खराब होने से किसानों में खासी नाराजगी है।

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