कन्सल्टिंग इंजीनियरों ने निश्चित वेतमान समेत छः सू़त्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
कंसल्टिंग इंजीनियर्स की आर्थिक सुरक्षा हेतु जमीनी स्तर पर कोई सकारात्मक अथवा ठोस कार्यवाही न होने के कारण अब तक सौ से अधिक कंसल्टिंग इंजीनियर्स ने अपने पद से दे दिया हैं इस्तीफा
दुर्गा प्रसाद गुप्त,महराजगंज। जनपद के समस्त कन्सल्टिंग इंजीनियरों ने निश्चित वेतमान समेत छः सू़त्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर कंसल्टिंग इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अभिषेक सेन ने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा प्रदेश में 1875 चयन किया गया।
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जिसमें प्रत्येक जिले में 25 कंसल्टिंग इंजीनियर्स तैनात किये गये है। उन्होंने कहा कि इस पद के लिये कोई निश्चित मानदेय न होकर ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने पर कार्य की प्राक्लन लागत 2 प्रतिशत भुगतान वेतन के रूप में ग्राम पंचायतों से देने की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि कंसल्टिंग इंजीनियर्स 3 अक्टूबर 2022 से अपने आवंटित जनपद में अपना योगदान दे रहे है। विगत एक वर्ष में सभी कंसल्टिंग इंजीनियर्स/आर्किटेक्ट्स को आई प्रमुख समस्याओं के संदर्भ में पंचायती राज निदेशालय के उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया। कई दौर की वार्ता एवं ज्ञापन देने के उपरांत कंसल्टिंग इंजीनियर्स की आर्थिक सुरक्षा हेतु जमीनी स्तर पर कोई सकारात्मक अथवा ठोस कार्यवाही न होने के कारण अब तक सौ से अधिक कंसल्टिंग इंजीनियर्स ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों द्वारा कंसल्टिंग इंजीनियर्स से अंश मात्र ही कार्य कराये जाते है। जिससे कंसल्टिंग इंजीनियर्स तकनीकी योगदान नहीं दे पा रहे है। ग्राम पंचायतों में प्रायः धन के अभाव एवं अन्य कारणों से कंसल्टिंग इंजीनियर्स का वेतन भुगतान समय से नहीं होता है। महीनों इंतजार करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि मानदेय भुगतान ग्राम पंचायत के खाते से होने के कारण ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये गैर मानक एवं गुणवत्ताहीन कार्यो पर कंसल्टिंग इंजीनियरों द्वारा दबाव बनाने या कार्यवाही करने पर संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा हमारा वेतन भुगतान बांधित कर दिया जाता है। ग्राम पंचायतों में धन के अभाव, महीनों तक निर्माण कार्य संचालित नहीं होते है जिससे इन दिनों का हमारी आय शून्य रहती है। ग्राम पंचायतों में पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित कई महत्वपूर्ण योजनाओं का दायित्व विभाग द्वारा संबंधित कंसल्टिंग इंजीनियर्स को दिया गया परन्तु अन्य विभाग के अवर अभियन्ता, तकनीकी सहायकों द्वारा इन महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में पूर्ण ज्ञान न होने हुये भी गैरमानक व गुणवत्ताहीन कार्य कराया जाता है। जिससे विभागीय उच्चाधिकारियों की विजिट पर हमें कार्यवाही का सामना करना पड़ता है और उस कार्य के सापेक्ष हमे आय की प्राप्ति भी नहीं होती है। प्रत्येक जनपद में विकास खण्डों, ग्राम पंचायतों की संख्या, उनमें कार्य करने हेतु आवंटित धनराशि में असमानता होने के कारण समान पद पर होते हुये कंसल्टिंग इंजीनियर्स को समान आय प्राप्त नहीं होती है। उन्होंने मांग किया कि इंजीनियर्स/आर्किटेक्ट्स को अन्य विभाग के अवर अभियंता के समकक्ष निश्चित वेतनमान दिया जाय।
इस दौरान संगठन के जिला महामंत्री आदित्य चौधरी, जिला सचिव प्रतिमा मौर्या, जिला कोषाध्यक्ष त्रियुगी नारायण पासी, जिला मीडिया प्रभारी अनिल कुमार, जैनेश्वर वर्मा,शेषमणी वर्मा सहित सभी कंसल्टिंग इंजीनियर्स मौजूद रहे।
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