कतर्नियाघाट में बाघ ने बालक को जिंदा चबाया
आम्बा गांव के लोग जंगल के निकट चरा रहे थे मवेशी, बाघ को देखकर अन्य लोग भाग निकले, बालक नहीं दौड़ पाया, बन गया निवाला
बहराइच। कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र अंतर्गत कतर्नियाघाट रेंज के जंगल के निकट गुरुवार शाम को मवेशी चरा रहे लोगों पर जंगल से निकले बाघ ने हमला कर दिया। मवेशियों को चरा रहे अन्य चरवाहे तो भाग निकले लेकिन एक 10 वर्षीय बालक नहीं दौड़ पाया। बाघ बालक को दबोच कर जिंदा चबा गया। बालक की क्षत-विक्षत लाश जंगल की झाड़ियों से बरामद हुयी है। पुलिस और वन कर्मी मौके पर पहुंचे हैं, जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बालक की मौत से उसके घर में कोहराम मचा हुआ है। वही बाघ के हमले से गांव के लोग दहशत में हैं।
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कतर्नियाघाट सेक्चुरी के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत आंबा गांव जंगल से कुछ दूरी पर स्थित है। आंबा गांव निवासी अकबर खान का 10 वर्षीय पुत्र महफूज गुरुवार शाम को गांव के अन्य लोगों के साथ अपने मवेशियों को जंगल के निकट चरा रहा था। शाम 7.00 बजे के आसपास जब चरवाहे अपने मवेशियों को गांव की ओर हाँकने लगे उसी दौरान जंगल से एक बाघ निकला। उसने मवेशी पर हमला करने के चक्कर में छलांग लगा दी। बाघ को देख चरवाहे मवेशियों को छोड़कर बेतहाशा गांव की ओर भागे। बाघ ने लोगों का पीछा किया, इस आपाधापी के बीच बाघ से बचने के लिए अन्य चरवाहे तो भाग निकले , लेकिन बालक महफूज नहीं भाग पाया। बाघ ने बालक को जबड़े में दबोच लिया और झाड़ियों में खींच ले जाकर निवाला बना लिया। आसपास के लोगों ने हाका लगाते हुए घटना की जानकारी रेंज कार्यालय को दी। वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार टीम के साथ कुछ देर पहले मौके पर पहुंचे। वन विभाग ने बालक के क्षत-विक्षत शव को जंगल की झाड़ियों से बरामद कर लिया है। प्रभारी निरीक्षक सुजौली ब्रह्मा गौड़ ने बताया कि बालक के शव को पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उधर बालक की मौत से परिवार के लोग विलख रहे हैं।
इस मामले में डीएफओ आकाशदीप बधावन का कहना है कि बाघ के हमले में बालक की मौत हुई है। घटनास्थल जंगल क्षेत्र में है, फिर भी मानवीय संवेदना के चलते मृतक के आश्रित परिवारी जनों को आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को जंगल में न जाने की हिदायत निरंतर दी जा रही है।
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