उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने लिया संकल्प तो मिट गया एईएस और जेई का नामोनिशान

योगी सरकार ने दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु दर में रिकार्ड 99 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज

दिनेश चन्द्र मिश्र,गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में कभी बारिश के मौसम में कहर बरपाने वाले दिमागी बुखार का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृढ़ संकल्प से नामोनिशान लगभग मिट गया है।आधिकारिेक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि श्री योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्ष 2023 में दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु दर महज 1ण्23 प्रतिशत ही दर्ज की गयी है। जबकि वर्ष 2017 में मृत्यु दर 13.87 प्रतिशत थी।

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विशेषज्ञों की मानें तो योगी सरकार ने दिमागी बुखार से होने वाली मृत्यु दर में रिकार्ड 99 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की है। यह पिछले सात वर्षों की योगी सरकार की लगातार मॉनीटरिंग और दूरदर्शी सोच से संभव हो पाया है। वहीं वर्ष 2017 से पहले आलम यह था कि मानसून के दस्तक देते ही पूर्वांचल के जिलों में लोग अपने बच्चों को संचारी रोग मस्तिष्क ज्वर ;एईएस. और जापानी इंसेफ्लाइटिस ;जेई. के प्रकोप से बचाने के लिए दूसरी जगह चले जाते थे वहीं मुख्यमंत्री योगी ने सत्ता संभालते ही संचारी रोगों के खिलाफ जंग छेड़ दी।

उन्होंने इसके खात्मे का प्रण लिया और 13 विभागों के प्रभारी मंत्रियों और अपर मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव के साथ रणनीति तैयार की। इसके सफल संचालन के लिए नियमित बैठकें, समीक्षा और रणनीति निर्धारण पर फोकस किया। इसी का असर है कि सात वर्षों में एईएस और जेई की मृत्यु दर में 12.064 प्रतिशत की गिरावट की दर्ज की गई है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभालते ही संचारी रोग एईएस और जेई पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों को एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिये। इस दौरान सीएम योगी की अध्यक्षता में राज्य की परिस्थितियों के अनुरुप कार्ययोजना विकसित की गयी। इसके खात्मे के लिए 13 विभागों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आए। साथ ही सभी विभागों के प्रभारी मंत्रियों तथा अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव के साथ नियमित बैठक और समीक्षा शुरू की।

इस दौरान परिस्थितियों के अनुसार रणनीतियों का निर्धारण किया गया। वहीं सभी विभागों के लिए गतिविधियों का पूर्व चिन्हीकरण एवं माइक्रोप्लान तैयार किया जिसे अंतर्विभागीय गतिविधियों के समन्वय से अमलीजामा पहनाया। इसमें नगर विकास, ग्राम विकास, पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग और सूचना विभाग का अहम रोल रहा।

संचारी रोग विभाग के डायरेक्टर डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप दिमागी बुखार के इलाज के लिए ब्लॉक स्तर पर इंसेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर ;ईटीसी. की संख्या बढ़ायी गयी। वर्तमान में ब्लॉक स्तर पर 177 ईटीसी संचालित हो रहे हैं जबकि पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट्स ;पीआईसीयू. 16 हैं।

इसके अलावा ब्लॉक स्तर पर 15 मिनी पीकू और 202 वेंटिलेटर युक्त बेड्स पर इलाज किया जा रहा है। इतना ही नहीं चैकलिस्ट के आधार पर औषधियों की उपलब्धता तथा उपकरणों की क्रियाशीलता को सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही बाल रोग विशेषज्ञों, चिकित्साधिकारियों तथा प्रति केंद्र 4 डेडिकेटेड स्टाफ नर्स की तैनाती और प्रशिक्षण दिया गया।

उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ की कार्ययोजना और मॉनीटरिंग से एईएस और जेई ने दम तोड़ना शुरू कर दिया। वर्ष 2023 में 1142 मरीज दिमागी बुखार की जद में आए। वहीं इलाज के दौरान 14 लोगों ने दम तोड़ दिया जबकि मृत्यु दर 1.23 प्रतिशत दर्ज की गयी। वहीं वर्ष 2017 में 4724 मामले दिमागी बुखार के सामने आये। इनमें से 655 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया जिसकी मृत्यु दर 13.87 प्रतिशत दर्ज की गयी। यह वर्तमान मृत्यु दर से 12.64 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह वर्ष 2018 में 3077 मरीज दिमागी बुखार की जद में आए। इसमें से 248 लोगों ने दम तोड़ दिया। इस वर्ष 8.06 प्रतिशत मृत्यु दर दर्ज की गयी।

उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2019 में 2185 मरीज सामने आए इनमें से 126 लोगों ने दम तोड़ दिया। इस वर्ष मृत्यु दर 5.77 प्रतिशत दर्ज की गयी। वर्ष 2020 में 1635 मरीज सामने आएए इनमें से 82 लोगों ने दम तोड़ा। इस वर्ष मृत्यु दर 5.02 प्रतिशत दर्ज की गयी। वर्ष 2021 में 1701 मरीज सामने आए इनमें से 58 मरीजों ने दम तोड़ दिया। वहीं मृत्यु दर 3.41 प्रतिशत दर्ज की गयी। इसी तरह 2022 में 1199 मरीज सामने आएइनमें से 32 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस वर्ष मृत्यु दर 2.67 प्रतिशत दर्ज की गयी।

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