आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को मिले राज्यकार्मि का दर्जा
बीएमएस के पार्टी अध्यक्ष ने कहा, कि श्रम विरोधी है सरकार
शैलेन्द्र कुमार गुप्ता TV9 भारत समाचार भागलपुर (बिहार)। सरकार जहां एक और कुपोषण को दूर करने के लिए खुद को कृत संकल्पित बताती है। वहीं दूसरी ओर सरकार की अपेक्षा के कारण आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन ठप पड़ा हुआ है। यह सरकार की हठधर्मिता का नतीजा है। कि राज्य की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाएं बेमियादी हड़ताल पर है।
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ये बातें भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार लाल ने कही, श्री लाल ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतरने में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन सरकार मानदेय बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है। मानदेय बढ़ाने की दिशा में सरकारी स्तर पर कोई पहल नहीं की जा रही है। उल्टे आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओ को काम पर लौट के लिए दमनकारी नीति चलाई जा रही है। श्री लाल ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं से सरकार हर तरह का काम लेती है। कोरोना में भी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओ ने अग्रतार भूमिका निभाई थी । परन्तु उनके योगदान को सरकार भूल गई है। सरकार की यह सोच श्रम विरोधी है। प्रदेश अध्यक्ष श्रीलाल ने सरकार से मांग की है। कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाया जाए और उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए।
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