रोबोटिक गाइडेड ऑपरेशन ने बचाई जान :- डॉक्टर आशीष सिंह

62 साल के गठिया के मरीज 6 साल बाद अपने पैरों पर खड़े हुए।

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर नई दिल्ली) TV9 भारत समाचार  (पटना)।  अनूप इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑर्थोपेडिक्स के डॉक्टर आशीष सिंह ने  62 साल के मरीज की रोबोटिक गाइड ऑपरेशन के माध्यम से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद की। पूर्णिया जिले के रहने वाले 62 साल के विपिन कुमार दुबे पिछले 6 साल से बिस्तर पर थे। उनके परिवार ने बिहार के हर अस्पताल और कई डॉक्टरों से इलाज करवाने की कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें हमेशा के लिए बेड रेस्ट की सलाह देकर छोड़ दिया। आखिर में उन्होंने अनूप इंस्टीट्यूट आफ ऑर्थोपेडिक्स के डॉक्टर आशीष सिंह से मिले, उनके स्थिति को देखकर अनूप इंस्टीट्यूट आफ ऑर्थोपेडिक्स के डॉक्टर आशीष सिंह ने उन्हें बताया कि वह वापस से अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे। लेकिन इसके लिए एक जटिल ऑपरेशन करना होगा।

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अनूप इंस्टीट्यूट आफ ऑर्थोपेडिक्स के डॉक्टर आशीष सिंह ने मरीज की स्थिति को देखते हुए सिटीस्कैन और एमआरआई टेस्ट कराये, टेस्ट के दौरान पता चला कि मरीज को एकिलाजिंग स्पॉन्डिलाइटिस यह गठिया का एक प्रकार होता है। जिसमें सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से रीड की हड्डी  कुल्हे से जुड़ जाती है। मरीज ने बताया की शुरुआत दिनों में उनके पैरों और घुटनों में काफी दर्द होता था। जिसके लिए कई एक्सरसाइज का सहारा लिया,लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिलने की वजह से उनकी रीड की हड्डी और कुल्हा जुड़ गया। अनूप इंस्टीट्यूट आफ ऑर्थोपेडिक्स के डॉक्टर आशीष सिंह ने ऑपरेशन के बारे में बताते हुए कहा, कि गठिया को लेकर अभी भी कई तरह के भ्रम है। जिसकी वजह से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता है। गठिया का सही इलाज इंसान को वापस से अपने पैरों पर चलने में मदद करता है। उन्होंने ऑपरेशन के बारे में बताते हुए कहा कि यह एक जटिल आप्रेशन था। इसलिए फ्यूजडीप ऑपरेशन करना पड़ा। जिसमें रोबोटिक की मदद ली गई। उन्होंने कहा कि अगर परिवार में कभी भी किसी को भी गठिया हुआ है तो उनकी निरंतर जांच करवानी चाहिए।

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