महिलाओं और बच्चों का चावल तथा पोषाहार खा गए अफसर
वर्ष 2022 के जुलाई अगस्त तथा अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर का चावल आवंटन कंप्यूटर पर हुआ और कंप्यूटर पर ही बटा, आंगनबाड़ी केंद्रों तक नहीं पहुंचा चावल, दाल रिफाइंड और दलिया की सप्लाई भी सिर्फ कागजों पर आंगनवाड़ी केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा पोषाहार, जिम्मेदार चुप
लखनऊ। यूपी के बहराइच समेत अधिकांश जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं और बच्चों को वितरित करके जाने वाले फोर्टीफाइड चावल तथा पोषाहार में बड़े पैमाने पर घोटाले की बू आ रही है। बहराइच में तो अभी तक बीते वर्ष के 5 महीनों का खाद्यान्न और पोषाहार ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं बांटा गया है। खाद्यान्न वितरण के लिए भारतीय खाद्य निगम के विभागीय कंप्यूटर पर चावल आवंटन की सूचना दी गई इसके बाद सूचना को कंप्यूटर से रिमूव कर दिया गया। फोर्टीफाइड चावल और पोषाहार अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं पहुंच सका है। जबकि वर्ष 2023 के 6 महीने बीत रहे हैं ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर योजनाओं की क्या स्थिति है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। पूरे मामले में जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है।
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शहर गांव और कस्बों की गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को पोषित करने और बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के साथ साक्षर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं धात्री महिलाओं तथा बच्चों को फोर्टीफाइड चावल तथा पोषाहार प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है। लेकिन यूपी के बहराइच समेत विभिन्न जिलों में यह योजना घोटाले की भेंट चढ़ जा रही है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकत्रियों को महिला और बच्चों को वितरित किया जाने वाला चावल एफसीआई गोदाम से कोटेदार के माध्यम से दिए जाने की व्यवस्था है। वही पोषाहार में दाल, रिफाइंड, दलिया की आपूर्ति नेफेड ठेकेदार के माध्यम से सप्लाई करती है। लेकिन बहराइच जिले में पूरी व्यवस्था को घुन लगा हुआ है। हालात यह है कि वर्ष 2022 के 5 महीनों का खाद्यान्न और पोषाहार ही अभी तक जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों तक नहीं पहुंच पाया है।
प्रदेश सरकार शत-प्रतिशत योजनाओं में पारदर्शिता की बात करती है लेकिन बहराइच के तेजवापुर, महसी, हुजूरपुर, चित्तौरा आदि ऐसे विकासखंड है जहां फोर्टीफाइड चावल अफसर व कर्मचारी मिलकर खा रहे हैं।
बहराइच जिले की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बताती है कि एफसीआई गोदाम से वर्ष 2022 के जुलाई, अगस्त, सितम्बर माह के चावल मे से केवल सितम्बर माह का चावल दिया गया है। जबकि जुलाई, अगस्त का चावल कहा गया पता नहीं चल रहा। वहीं अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 का चावल fCi की वेबसाइट पर वितरण की सूचना के लिए कुछ दिन शो हुआ और फिर कंप्यूटर पर ही बट गया, आज तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं पहुंचा है। डीएसओ ऑफिस, गोदाम प्रभारी और कोटेदार मिलकर आंगनबाड़ी केंद्रों के महिलाओं और बच्चों के चावल को डकार गए।
उधर यही हाल पोषाहार सप्लाई का है नेफेड से सप्लाई होने वाला दाल, दलिया, रिफाइंड अप्रैल में नहीं दिया गया। अब मई माह का पोषाहार भी लापता है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषण को मिटाने का जो दावा प्रदेश सरकार कर रही है, वह दावा हवा हवाई साबित होता दिख रहा है। इस मामले में बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी का कहना है कि पूरे मामले की जांच करा कर कार्यवाही करेंगे। वही पूर्ति विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
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