भारत और नेपाल एक दूसरे के लिए अहम, PM मोदी और प्रचंड ने बताई एक दूसरे की अहमियत
बहुप्रतीक्षित इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (एकीकृत जांच चौकी) का संयुक्त रूप से वर्चुअल शिलान्यास
महराजगंज। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने गुरुवार दोपहर में सोनौली सीमा के समीप केवटलिया गांव व नेपाल के भैरहवा के समीप बनने वाले बहुप्रतीक्षित इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (एकीकृत जांच चौकी) का संयुक्त रूप से वर्चुअल शिलान्यास किया। सोनौली के समीप निर्माणाधीन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में इसका सीधा प्रसारण भी हुआ। नेपाल सीमा के दोनों ओर एकीकृत जांच चौकी के निर्माण से कस्टम व पर्यटकों की जांच संबंधी कार्य अब एक ही छत के नीचे आसानी से हो पाएगा।
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आपको बता दें भारत और नेपाल के बीच गहरे संबंध सदियों पुराने हैं, लेकिन पिछले नौ वर्षों में इस संबंध में और प्रगाढ़ता आई है। प्रधानमंत्री मोदी और नेपाली पीएम प्रचंड ने अपने उद्बोधन में इस बात को सहजता से स्वीकार भी किया है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच का यह संबंध कोई तीसरा देश विच्छेद नहीं कर पाएगा। कहा कि हमारे संबंधों में और निखार तथा प्रगाढ़ता आए इसके लिए तमाम अहम फैसले लिए गए हैं। वे चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच सीमाएं किसी प्रकार की बाधा न बनें।
नेपाल की तरक्की के लिए भारत नदियों के ऊपर साझा ब्रिज बनाने से लेकर नेपाल से भारत को बिजली निर्यात सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज जो यह संयुक्त शिलान्यास कार्यक्रम है दरअसल यह पिछले नौ सालों की उपलब्धियों में एक है। साथ ही यह हमारी पार्टनरशिप की सुपरहिट उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे पहले बीरगंज में पहली आइसीपी बनाई गई। बार्डर पर पहली पेट्रोलियम पाइपलाइन, रेललाइन, सीमा पर ट्रांसमिशन शुरू करने की दिशा में भी कार्य हुआ है। हम नेपाल से 450 मेगावाट बिजली निर्यात कर रहे हैं।
तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने पुष्प कमल दहल प्रचंड का बतौर प्रधानमंत्री किसी विदेश यात्रा का भारत की दूसरी यात्रा है। इससे पहले भी उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं में भारत को तरजीह दी थी और इस बार भी प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने भारत की यात्रा को तरजीह दी। इससे यह सिद्ध होता है कि नेपाल और भारत एक दूसरे के लिए कितने अहम है।
इस कार्यक्रम के अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से ढेर सारे परियोजनाओं पर कार्य किए जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच जो सीमा विवाद है, उसे बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाएगा। भारत ने कृषि सहित सभी क्षेत्रों में नेपाल की मदद की है। नेपाली पीएम प्रचंड ने आजादी के अमृत महोत्व को लेकर भारत को बधाई दी।
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