भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ में श्री अन्न की वैज्ञानिक खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ 

दुर्गेश राय, पूर्वांचल प्रभारी tv9 भारत समाचार उप्र : मऊ।रोहतास, बिहार से आए 40 कृषकों का भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् – भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, कुशमौर, मऊ में श्री अन्न (छोटे एवं मोटे अनाज) की वैज्ञानिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ दिनांक 11 सितम्बर 2024 को आयोजित किया गया ।

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निदेशक डॉ संजय कुमार के दिशा निर्देशन में चल रहा यह कार्यक्रम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (ATMA), रोहतास, बिहार द्वारा प्रायोजित है। प्रधान वैज्ञानिक डॉ अंजनी कुमार सिंह ने कृषकों को संबोधित करते हुए मोटे अनाजों के महत्त्व के बारे में बताया तथा यह भी रेखांकित किया कि मोटे अनाज की खेती हमारी धरोहर रही है जिसे पुनः जीवित करने की आवश्यकता है।

किसानों की पारंपरिक खेती के अति2www2iw9wरिक्त प्रशिक्षण से उन्हें खेती की वैज्ञानिक विधियों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। वैज्ञानिक डॉ अलोक कुमार ने किसानों को मंडुआ, ज्वार, मक्का और बाजरे के गुणवत्तायुक्त बीज के महत्त्व के बारे में बताया तथा किसान भाई अपने ही खेत में गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन कर आत्मनिर्भर कैसे बनें इसका उपाय बताया। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए छोटे एवं मोटे अनाज का क्या महत्त्व है इस पर भी प्रकाश डाला गया। वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार दाश ने मोटे अनाजों के गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में मृदा के प्रभावशाली महत्त्व पर बल दिया।

वैज्ञानिक डॉ कल्याणी कुमारी द्वारा कृषकों को श्री अन्न के बीज की भौतिक शुद्धता, नमी और बीज ओज के निर्धारण के लिए उपयुक्त प्रायोगिक विधियाँ बताईं गईं ताकि किसान भाई खुद अपने घर पर छोटे एवं मोटे अनाज के बीजों का जाँच कर सकें।

अंत में किसान भाइयों ने संस्थान के अन्य वैज्ञानिकों के सामने खेती में आने वाले अपने परेशानियों को रखा और सम्बंधित परिचर्चा की। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भारतीय बीज विज्ञान संस्थान के समस्त अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

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