भागलपुर:अब मजदूर का बेटा मजदूर नहीं बनेगा- अपर मुख्य सचिव के के पाठक

आवंटित विद्यालय से पंद्रह किलोमीटर के अंदर रहना होगा शिक्षकों को वरना छोड़ दे नौकरी, सभी शिक्षकों को वाहन चलाना सीखना निहायत जरूरी,शिक्षा विभाग के सिंघम के.के. पाठक पहुंचे भागलपुर ,बीपीएससी में चयनित प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों से मिले व कई स्कूलों का किया निरीक्षण

शैलेन्द्र कुमार गुप्ता,भागलपुर /बिहार। शिक्षा विभाग के सिंघम कहे जाने वाले अपर मुख्य सचिव के के पाठक गुरुवार की देर रात भागलपुर पहुंचे। उनके भागलपुर पहुंचते ही शिक्षा विभाग व जिलों के सभी विद्यालयों में हड़कंप मच गई है। उन्होंने शुक्रवार को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन व विभाग के अधिकारियों के साथ कई बिंदुओं पर बैठक की।

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उसके बाद शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान और कई स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने डाइट और सिटीई का भी निरीक्षण किया। जहां बीपीएससी से नियुक्त हुए शिक्षकों का आवासान प्रशिक्षण चल रहा है। उसके बाद वह शहर के कुछ स्कूलों के अलावा नाथनगर सनहौला शाहकुंड सहित अन्य प्रखंडों के स्कूलों का भी जायजा लिया। के.के. पाठक के भागलपुर आने की चर्चा दो दिन से चल रही थी। जिसको लेकर सभी विद्यालय के प्रभारी ने अपने विद्यालय को साफ स्वच्छ और रंग रोगन से तैयार कर रखा है। साथ ही कागजी प्रक्रिया को भी मजबूत कर रखी है।

गौरतलब हो की केके पाठक के भागलपुर आने के चलते भागलपुर जिला अंतर्गत शिक्षा विभाग के कर्मियों की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है। वही भागलपुर पहुंचे शिक्षा विभाग के सिंघम कहे जाने वाले अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कहां कि अब मजदूर का बेटा मजदूर नहीं बनेगा। क्योंकि शिक्षा विभाग ने कई गुणी शिक्षकों का चयन कर विद्यालय में उन्हें नियुक्त करने का काम किया है।

बीपीएससी के तहत चयनित शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों से कड़े शब्दों में कहा कि अपने विद्यालय आवंटन के पंद्रह किलोमीटर के अंदर रहें वरना नौकरी छोड़ दे। साथ ही उन्होंने कहा की अगर आप गांव में पढ़ाई नहीं करा सकते तो दूसरा आवंटन भी शिक्षकों की प्रारंभ होने वाली है। आपको मुख्य रूप से गांव के विद्यालय को सुदृढ़ बनाना है और उसे मजबूत करना है। हम लोगों का सपना है गांव के बच्चों का सपना साकार हो और वह सपना हम शिक्षक ही कर सकते हैं।

साथ ही के. के. पाठक ने कहा कि सभी शिक्षकों को वाहन चलना अनिवार्य है। अगर शिक्षक वाहन चलाने जानेंगे तो वह अपने समय पर विद्यालय पहुंच सकेंगे।

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