नौकरी लगते ही सिपाही ने छोड़ा पत्नी को, न्याय की गुहार लगा रही पीड़िता

पीड़िता का पति औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक के आवास पर कार्यरत है।

शैलेन्द्र कुमार गुप्ता  TV9 भारत समाचार औरंगाबाद  (बिहार)।  औरंगाबाद से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां युवक की शादी के बाद पत्नी के ससुराल आते ही किस्मत चमक गई। उसकी पुलिस में नौकरी लग गई। पति की नौकरी लगने के 3 साल तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। इस दौरान एक बेटी भी हुई जो अभी 6 साल की है। नौकरी लगते ही युवक और उसके परिवार के रंग-ढंग बदल गए। विवाहिता से दहेज की मांग होने लगी, प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। इसी बीच पीड़िता को जहर देकर जान से मारने की भी कोशिश हुई। लेकिन ऊपर वाले की मेहरबानी से वह बच गई। अब मामला कोर्ट कचहरी का चल रहा है और वह न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही हैं।

यह भी पढ़ें : डैम में डूबने से दो बच्चों की मौत, चार की तलाश जरी

मामला भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग का है। जो औरंगाबाद से इस कारण जुड़ा है, क्योंकि विवाहिता का पति औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक के आवास पर कार्यरत है। मामले को लेकर औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम से न्याय की गुहार लगाने गई। पीड़िता चंद्रकला देवी ने रोते बिलखते हुए बताया कि उसका मायका भागलपुर के नाथनगर थाना के पुरानी सराय का है। वह राधा रमण मंडल की पुत्री है। उसकी शादी 20 मई 2013 को भागलपुर के तातारपुर थाना के कंपनी बाग निवासी दिनेश मंडल के पुत्र गोपाल मंडल के साथ हुई थी। शादी के 3 साल बाद 2016 में गोपाल मंडल की बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी लग गई। नौकरी लगने के बाद पति और पूरे परिवार का रंग ढ़ंग बदल गया। उससे दहेज की मांग को लेकर ससुरालयों द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर 21 अप्रैल 2019 को उसे जहर खिलाकर करने का प्रयास किया गया। लेकिन वह बच गई। उसके बाद उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 328, 498 ए, 34 एवं 3/4 दहेज प्रतिरोध अधिनियम के तहत तातारपुर थाना में प्राथमिक ही दर्ज करा दी। इस मामले में जमानत के लिए पति ने पटना उच्च न्यायालय में दायर अर्जी में कहा कि वह पत्नी को ससम्मान अपने साथ रखेगा। इस आधार पर हाईकोर्ट ने पत्नी को साथ रखने का निर्देश देते हुए दो माह की औपबंधक जमानत दे दी। दरअसल पति ने 16 अगस्त 2022 को कोर्ट में झूठ बोला कि वह पत्नी को घर ले जा रहा है। लेकिन वह उसे घर ले जाने के बजाय कोर्ट में ही छोड़ गया और कहा कि मेरी एक 6 साल की पुत्री है, जिसका भरण पोषण करने में वह समर्थ नहीं है। पति ना तो मुझे और ना ही पुत्री को अपने साथ रखता है और ना ही किसी तरह का खर्च देता है और नहीं न्यायालय का आदेश मानता है। इसी वजह से उसने एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। मामले में एसपी स्वप्न गौतम मेश्राम ने कहा कि महिला ने आवेदन दिया है। शिकायत की जांच की जिम्मेदारी पुलिस लाइन के मेजर को दी गई है। जांच रिपोर्ट आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी। वही मामले में पीड़िता के पति गोपाल मंडल ने कहा कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट का जो आदेश आएगा वह उसका पालन करेगा।

यह भी पढ़ें : डैम में डूबने से दो बच्चों की मौत, चार की तलाश जरी