नवरात्रि पर्व में अष्टमी के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया

नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूप में अष्टमी को महागौरी के नाम से पूजा जाता है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर नई दिल्ली)TV9 भारत समाचार भागलपुर (बिहार)।  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा संचालिका बी के अनीता भागलपुर के द्वारा नवरात्रि पर्व में अष्टमी के शुभ अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनीता दीदी ने बताया कि नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूप में अष्टमी को महागौरी के नाम से पूजा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि शिव को पाने के लिए पार्वती ने कठोर तपस्या की। जिसके कारण वह काली पड़ गई। तपस्या से प्रसन्न होने पर पार्वती को गौवर्ण कर दिया। फल स्वरूप महागौरी के नाम से मशहूर हो गई।

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अष्टमी व्रत में अपने जीवन में आठ शक्ति समान करने की शक्ति, निर्णय करने, सहन करने की शक्ति, सहयोग करने, समेटे रखने, सामने और विस्तार की संकीर्ण करने की शक्ति को धारण करना चाहिए। आठ शक्ति को ही दुर्गा मां का अष्टभुजा दिखाते हैं। मां के सिंह सवारी का प्रतीक है। अष्ट शक्तियों के आधार से शासन करती है। आध्यात्मिक रहस्य है कि परमात्मा शिव ने मानव को आठ शक्ति को प्राप्त करने के आधार हैं। राजयोग आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी दिन से ज्यादा महत्व रात्रि को दिया जाता है। इसलिए जागरण रात में मनाया जाता है। वायुमंडल में भी तरंग रात में ज्यादा कार्य करते हैं। इसलिए वर्तमान समय स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा शिव इसी कलयुग के घोर अंधकार में कन्याओं द्वारा सभी को ज्ञान दे रहे हैं। कि अपने जीवन में विकारों से मुक्ति पाने का यही है सच्चा नवरात्रि मनाना और जागरण करना। हम ऐसी नवरात्रि मनाई जो कि अपने अंदर विकार है वह खत्म हो जाए। यही सच्चा दशहरा मानना नवरात्रि का जागरण ही नहीं करें बल्कि आज्ञान नींद से भी जगे और जीवन शांति और खुशी का सदा अनुभव प्राप्त हो। रविका बहन को दुर्गा का स्वरूप में बनाई गई। आज देवी के रूप में मंच पर मौजूद बी के रूपाली, बी के निर्मला, बी के मनीषा, बी के रीना, बी के सुमन, बी के वृंदा, विराजमान थी। बी के साकेत, अनिल, बद्री, प्रवीण, गोपाल, संजय सभी भाई बहन उपस्थित रहे।

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