तमकुही राज में स्थित पोखरा का अब तक उच्च अधिकारियों ने नहीं लिया संज्ञान, दूषित जल तथा जलकुंभी से पटा पोखरा

उक्त पोखरे पर छठ घाट तथा छठ प्रतिमाएं स्थापित, दूषित जल में उगते सूर्य एवं डूबते सूर्य को अर्ध्य देगी महिलाएं। नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी ने अब तक नहीं लिया संज्ञान।

कृष्णा यादव, तमकुहीराज/ कुशीनगर। सदियां गुजर गयी दास्तान कहते-कहते जिम्मेदार अधिकारी नहीं ले रहे संज्ञान तहसील कार्यालय से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित पोखरा की सफाई का खबर अखबारों के सुर्खियों में रहा है परंतु किसी जिम्मेदार अधिकारी ने संज्ञान लेने की जहमत नहीं उठाई। जिसके कारण इस पोखरे में दूषित जल एवं खरपतवार जलकुंभी काअम्बार लगा हुआ है।

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इसी जल में दूषित वातावरण में भी छठव्रति महिलाएं कल दिन मंगलवार को नहा खा करके निर्जला छठ व्रत की। प्रारंभिक पूजा पाठ से इस त्यौहार की शुरुआत करेंगी तथा निर्जला व्रत रहकर अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए सूर्य भगवान को अर्थ्य देने का कार्यकरेंगी।

सरकार की लाख कोशिशो के बाद भी इस अमृत सरोवर का कायाकल्प नहीं हो सका और अव्यवस्था के कारण अमृत काल में भी यह जलाशय राजस्व अभिलेख में दर्ज पोखरा इस विडंबना में आंसू बहा रहा है। अपनों से शिकायत क्या करना हर जगह अपने दिखाई दे रहे हैं। परंतु समस्याएं विद्यमान है इसलिए बार-बार यह सवाल उठ रहा है।

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