गंडक नदी में डूबे युवक का 4 दिन बाद दिन नहीं लगा सुराग
पूर्व विधायक के हस्तक्षेप पर घटना के तीसरे दिन एसडीएम एसडीआरएफ टीम लेकर पहुंचे, पूर्व विधायक बोले लाश न मिले फिर भी दिया जाए पीड़ित परिवार को मुआवजा
कृष्णा यादव,तमकुही राज /कुशीनगर। अहिरौली दान गांव निवासी एक युवक रविवार को गंडक नदी में डूब गया था। अब तक युवक का पता नहीं चल सका है। स्थानीय पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम ने काफी प्रयास किया, मोटर वोट और अन्य साधनों का उपयोग करके डूबे युवक की खोज की गयी लेकिन अब तक डूबे युवक का पता नहीं चल सका है। युवक के गंडक नदी में डूबने की घटना के बाद से उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
यह भी पढ़ें :नगर पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गंदगी का अंबार
तहसील तमकुही राज अंतर्गत तरया सुजान थाना क्षेत्र के ग्राम सभा अहिरौली दान गांव निवासी मनीष सिंह रविवार को गंडक नदी में डूब गया था। युवक के डूबने की सूचना के बाद परिवार में कोहराम मच गया था, गांव के लोगों की भारी भीड़ नदी के तट पर एकत्रित हो गई थी। घटना के दिन ही मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से तलाश की लेकिन डूबे मनीष का पता नहीं चल सका।
घटना की सूचना पर सोमवार को पूर्व विधायक डॉक्टर पीके राय ग्राम अहिरौली दान घटनास्थल पर पहुंचे। पूर्व विधायक को ग्रामीणों ने बताया कि सूचना देने के बाद भी एसडीआरएफ की टीम सोमवार के दोपहर तक नहीं पहुंच पायी है। जबकि घटना के 24 घंटे बीत गए हैं। इस पर पूर्व विधायक डॉक्टर पीके राय ने उपजिलाधिकारी विकास चंद को घटना की जानकारी देते हुए एसडीआरफ की टीम की जरूरत बताई।
पूर्व विधायक की बातचीत के बाद एसडीएम तमकुही राज ने मामले क़ो गंभीरता से लेते हुये एसडीआरएफ की टीम के साथ मंगलवार के दिन घटनास्थल पर पहुंचकर अपनी देखरेख में गंडक नदी में डूबे मनीष के शव को खोजने का अभियान चलवाया। परंतु पूरे दिन खोजबीन के बावजूद असफलता हाथ लगी। उधर तीन दिन बीतने के बाद भी मनीष का पता न चलने से परिवार के लोग बेहाल है।
इस दौरान मौके पर मौजूद पूर्व विधायक डॉ. पीके राय ने कहा कि बारिश के समय गंडक नदी काफी विकराल हो जाती है। जिससे बंधे पर दबाव पड़ने पर बंधा कटने का खतरा भी बढ़ जाता है। पूर्व विधायक ने कहा कि बाढ़ के समय आपदा प्रबंधन द्वारा मेरे कार्यकाल में जीरो बंधे पर जंगली पट्टी क्षेत्र में पीएससी कैंप करती थी। जिनके पास मोटर बोट सहित बाढ बचाव के लिए आवश्यक उपकरण रहते थे। परंतु वर्तमान समय में लोगों को नदी की धार में बहते हुए बचाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है।
डा.राय ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार से मांग किया कि बाढ़ से डूबने वाले मनीष सिंह के परिवार को अगर लाश नहीं मिलती है तो भी नियमों में नरमी बरतते हुए व्यवहारतन अनुदान दिया जाय। नदी में किसी व्यक्ति फिसलने पर, वह निकल नहीं पता है। शव जल के ऊपर आने के बाद ही उस व्यक्ति का पता लग पाता है। बड़ी गंडक नदी की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां की जिंदगी नाव पर ही आधारित है। नाव पर बैठकर अपनी खेती करने नदी के पर जाते हैं नदी में मगरमच्छ की संख्या भी ज्यादा है। पूर्व विधायक ने कहा कि इस परिस्थिति में कम से कम और तीन दिन तक व्यावहारिक रूप से डूबे युवक की छानबीन करनी चाहिए। अगर अंत तक डूबे युवक का पता नहीं चलता है तब भी परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें :नगर पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गंदगी का अंबार