गरीबी हर काम करने के लिए मजबूर कर देती है,75 वर्षों बाद भी भारत से नहीं मिटी गरीबी

45 डिग्री तापमान में ईट भट्टों पर काम करने को गरीब मजदूर बेवस, श्रम का फायदा उठा रहे हैं पूंजीपति

कृष्णा यादव, विशेष संवाददाता : कुशीनगर। भारत 140 करोड़ जनता की देश है देश की आत्मा गांव में बसती है गांव में रोजगार नहीं मिलने के कारण गरीबों की दुनिया में पलने वाले मजदूर आज भी शहरो की तरफ पलायन करते हैं जहां उनसे 8 से 12 घंटे काम लिया जाता है। गांव से होकर ही लोकतंत्र में सरकार चुनने का कार्य गरीब जनता ही करती है।

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आज भी भारत की 80 करोड़ गरीब जनता मुफ्त राशन पर निर्भर है लंबी-लंबी वादे करते 75 वर्षों में सरकारे आयीऔर चली गयी लेकिन गरीबी नहीं मिट पायी इस देश में जो अमीर है वह और अमीर होते जा रहे हैं। गरीब आज भी मुफलिस की जिंदगी में 45 डिग्री तापमान में मजदूरी के लिए गांव से पलायन कर ईट भट्टों पर तपती हुई गर्मी में मजदूरी करने के लिए बाध्य है, जहां पर उसके श्रम का सही मजदूरी भी नहीं मिल पाती।

ऐसे समय में गांव का गरीब मजदूर देश में लोकतंत्र के लिए अपने मतों का प्रयोग किया है। जिसका परिणाम सामने आया है उम्मीद है कि इस बार चुनी हुई सरकार गरीबी महंगाई बेरोजगारी के लिए कोई ठोस नीति निर्धारण बनाएगी। जिससे गांव गरीब का विकास होगा। मुफ्त राशन बाटकर गरीब को और बेसहारा बनाया जा रहा है। अगर उस गरीबों के घर में किसी एक व्यक्ति को कोई रोजगार या सरकारी नौकरी मिल जाती है तो वह अपने मजदूरी से अपने परिवार का भरण पोषण कर सकता है। चुनी हुई नयी सरकार महंगाई पर भी कंट्रोल करें।

उक्त बातें ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों की जुबानी है मजदूर आज भी चाहता है कि उसके श्रम का उचित मूल्य मिले बाजारों में सस्ता सामान मिले यात्राओं में बेताहासा किराया वृद्धि कम हो देश में मजबूत लोकतांत्रिक सरकार बने।

इस बार गरीबों ने आशा और विश्वास के साथ नई सरकार को चुनने का कार्य किया है कि देश में एकता अखंडता को कायम रखते हुए रोजगार महंगाई बेरोजगारी पर नयी सरकार निश्चित थी ध्यान देने का कार्य करेगी। जिससे गरीब जनता को देश की खुशहाली के साथ-साथ समृद्धि भी मिलने की आशा है।

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