काशी में भगवान बुद्ध, शिव और भारतीय संगीत घराने की अनुभूति करेंगे जी- 20 के मेहमान
सरकार ने काशी के चौराहों पर कराई आर्ट वर्क इंस्टॉलेशन, स्कल्पचर और चित्रकारी
वाराणसी। काशी में 11 से 13 जून तक होने वाली जी-20 देशों के विकास मंत्रियों की बैठक में विश्व के दिग्गज़ देशों के महत्वपूर्ण मेहमान शामिल होंगे। योगी सरकार इन शक्तिशाली देशों के मेहमानों को भारत की समृद्ध संस्कृति ,अध्यात्म और विरासत दिखाएगी। मेहमान काशी की धरती पर उतरते ही भगवान बुद्ध, शिव और भारतीय संगीत घराने की अनुभूति करेंगे। ऐसे में योगी सरकार ने वाराणसी के चौराहों व अन्य जगहों पर आर्ट वर्क इंस्टॉलेशन, स्कल्पचर और चित्रकारी करवाई है।
यह भी पढ़ें : झारखंड में बरेका के स्केटरों ने लहराया परचम
घाट के किनारे सदियों से खड़े भवन की एकरूपता और फसाड लाइट की खूबसूरती देखते बन रही है। दुनिया में अपना प्रभुत्व रखने वाले जी-20 देशों के विशेष मेहमान काशी में होने वाले जी -20 देशों की बैठक में शामिल होने आ रहे हैं। वाराणसी को ब्रांड बना चुकी डबल इंजन की सरकार यहाँ आने वाले मेहमानों के इसे स्वागत के लिए तैयार कर रही है। काशी अपने मिज़ाज़ और दर्शन के अनरूप दिखेगी। वाराणसी के हरहुआ चौराहे के पास तथागत के प्रथम उपदेश देते हुए पांच शिष्यों की थ्री डी स्कल्पचर और बुद्धा मुद्रा का इंस्टालेशन, चौकाघाट आरओबी के पास लैंडस्केप और सारनाथ के पास रिंग रोड पर धर्म चक्र का इंस्टॉलेशन, बनारस के संगीत घराने के मोहल्ले के पास लहुराबीर पहुंचते ही चौराहे पर पहुंचने पर फाउंटेन के साथ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट देखने को मिलेगा।
विशेश्वर खंड यानी बाबा विश्वनाथ के पास पहुंचते ही मैदागिन पर थ्री डी व्यू त्रिशूल लगा है। गिलट बाजार चौराहे पर थ्री डी जी- 20 के ग्लोब के स्कल्पचर के साथ फ़व्वारे लगे हैं। एयरपोर्ट एंट्रेंस, नमोघाट के पास चौकाघाट से नमो मार्ग पर दोनों तरफ दो-दो के पेयर राष्ट्रीय फूल कमल का इंस्टालेशन होगा। वहीं वीआईपी रुट के मार्गों के घरों और प्रतिष्ठानों को एक रंग में रंगा गया है। दीवारों पर वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत के अनुकूल चित्रकारी की गई है। चित्रकारी में बनारस की विभिन्न विधाओं की हस्तियां, लोक कला आदि शामिल है। अर्धचन्द्राकार घाटों के किनारे सदियों से कड़ी ऐतिहासिक इमारतों को एक रूपता देने लिए एक रंग में रंगा गया है।
फसाड लाइट से गंगा किनारे के भवनों की खूबसूरती और बढ़ गई है। प्रमुख स्थलों को इलेक्ट्रिक झालरों से सजाया गया है। पोल पर तिरंगा स्पाइरल लाइट और जी-20 का लोटस लोगो लगाया गया है। वाराणसी में जी-20 समिट महज देशों की मीटिंग ही नहीं है बल्कि काशी आने वाले मेहमान देश की धार्मिक, आध्यात्मिक, संस्कृति विरासत के साथ ही इतिहास से भी परिचित होंगे। 11 से 13 जून तक जब जी -20 देशों के प्रभावशाली लोग काशी में रहेंगे तो काशी की तस्वीरें पूरी दुनिया देखेगी। जिसका लाभ आने वाले समय में पर्यटन उद्योग के रूप में काशी को मिलेगा।
पूरी दुनिया में होगी शहर की विरासत की चर्चा
अध्यात्म, धर्म और सांस्कृतिक नगरी काशी की थाती के बारे में पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा रहती है। जी – 20 समिट में आने वाले दुनिया के आर्थिक रूप से संपन्न देशों के मेहमानों को काशी के बारे में बताने और समझने के लिए योगी सरकार ने ख़ास गाइड तैयार किये हैं। जो मेहमानों के हर सवाल का जवाब देंगे। ख़ास यूनिफाॅर्म में दिखने वाले इन टूरिस्ट गाइड को मान्यवर काशी रम प्रयत्न प्रभा संस्थान लखनऊ के एक्सपर्ट्स ने ख़ास प्रशिक्षण दिया है। योगी सरकार के काशी के कायाकल्प करने के बाद ब्रांड काशी की चर्चा पूरे विश्व में है। जी-20 देशों के मंत्रियों की बैठक में ख़ास मेहमान शामिल होंगे। इन मेहमानों के मन में काशी को लेकर कई तरह सवाल होंगे। इनके सवालों के जवाब के लिए योगी सरकार ने ख़ास गाइड तैयार किये हैं।
पर्यटन उद्योग की दृष्टि से काफी फायदेमंद होगा जी-20 समिट
पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि मान्यवर काशी राम प्रयत्न प्रभा संसथान लखनऊ के एक्सपर्ट्स ने गाइड को ख़ास प्रशिक्षण दिया है। अलग -अलग गाइड्स को अलग-अलग देशों की भाषा का प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही काशी की संस्कृति, धर्म, अध्यात्म, खान पान, रहन सहन आदि जैसे विषयों पर ख़ास ट्रेनिंग दी गई है। जिससे किसी भी विदेशी डेलीगेट्स के सवाल पर प्रमाणिक जवाब दिया जा सके। करीब 110 गाइड को ट्रेनिंग दी गई है। जिसमें 15 महिलाएं भी हैं।
ये गाइड स्मार्ट दिखें और एकरूपता के लिए ख़ास काली पैंट, एक दिन सफ़ेद और एक दिन ब्लू शर्ट की यूनिफाॅर्म पहनेंगे। उन्होंने बताया कि दुनिया का जीवंत और सबसे प्राचीन शहर काशी के लिए जी -20 समिट, पर्यटन उद्योग की दृष्टि से काफी फायदेमंद होगा। भारत और काशी की तस्वीर मन में संजो कर जब डेलीगेट्स दुनिया भर में ले जाएंगे तो शहर की विरासत की चर्चा होगी। जिसका लाभ आने वाले समय में काशी को मिलेगा।
यह भी पढ़ें : झारखंड में बरेका के स्केटरों ने लहराया परचम